Arrest: इटावा में ट्रेन में फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार, दो साल से कर रहा था यात्रा, ड्रेस पहन रखी थी, गले में नकली आईकार्ड लटकाया



इटावा में फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल उवैस चौधरी | इटावा8 मिनट पहले इटावा में कालका नेता जी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12312 में एक युवक को…

Arrest: इटावा में ट्रेन में फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार, दो साल से कर रहा था यात्रा, ड्रेस पहन रखी थी, गले में नकली आईकार्ड लटकाया

इटावा में फर्जी लोको पायलट गिरफ्तार, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

उवैस चौधरी | इटावा8 मिनट पहले

इटावा में कालका नेता जी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12312 में एक युवक को फर्जी लोको पायलट के रूप में पकड़ा गया है। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब सामने आया जब ट्रेन चालक राजेंद्र कुमार मीणा को युवक पर शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना तुरंत टूंडला हेडक्वार्टर को दी।

युवक की पहचान और गिरफ्तारी

इटावा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर चार पर रोका गया, जहां आरपीएफ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए युवक को इंजन से उतारकर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार युवक की पहचान आकाश कुमार, पुत्र राकेश कुमार, निवासी कौशल्या नगर, थाना उत्तर, जनपद फिरोजाबाद के रूप में हुई है।

फर्जी पहचान और उपकरणों का जाल

आकाश ने लोको पायलट की पूरी ड्रेस पहन रखी थी, गले में नकली आई कार्ड लटकाया हुआ था और उसके नाम पर एक नामपट्टी भी लगी हुई थी। उसके पास से लाल और हरी झंडियां तथा लॉग बुक भी बरामद की गईं। यह युवक इंजन में बैठकर दिल्ली की ओर सफर कर रहा था, लेकिन सतर्क ड्राइवर की सजगता के कारण उसकी असलियत सामने आ गई।

पिछले दो वर्षों से कर रहा था धोखाधड़ी

जांच में पता चला कि आकाश पिछले दो वर्षों से खुद को लोको पायलट बताकर अलग-अलग ट्रेनों में सफर कर रहा था। इसके बारे में बताया गया है कि उसका एक मित्र असली लोको पायलट है, जिसे देखकर आकाश ने वर्दी और पहचान पत्र तैयार कर लिया। इसके बाद उसने नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी शुरू कर दी। हालांकि, यह भी सच है कि आकाश महज दसवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है।

पुलिस की जांच और सुरक्षा की चिंताएं

पुलिस पूछताछ में आकाश लगातार यही कहानी सुनाता रहा कि वह केवल ट्रेन का किराया बचाने के लिए फर्जी लोको पायलट बनता था। लेकिन आरपीएफ और जीआरपी को शक है कि मामला इससे कहीं बड़ा हो सकता है और इसके तार धोखाधड़ी से जुड़े हो सकते हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना प्राप्त होते ही ट्रेन को रोका गया और आकाश को इंजन से उतारा गया।

महिला कांस्टेबल और अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका

उसे पूछताछ के बाद जीआरपी इटावा के हवाले कर दिया गया है। इस कार्रवाई में महिला कांस्टेबल चांदनी, हेडकांस्टेबल रामनरेश और कांस्टेबल श्याम सिंह जाट की महत्वपूर्ण भूमिका रही। रेलवे सुरक्षा के लिए यह मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है।

सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता

हाल ही में टूंडला में एक फर्जी टीटीई पकड़ा गया था और अब इटावा में फर्जी लोको पायलट का पकड़ा जाना सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करता है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे अब ऐसी घटनाओं की गहराई से जांच कर रहा है और सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करने की तैयारी में जुट गया है।

निष्कर्ष

इस घटना ने न केवल इटावा बल्कि पूरे रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा की स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले भी कई बार रेलवे में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों ने सुर्खियां बटोरी हैं, और अब एक बार फिर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।

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