लोकेश शर्मा, जागरण, नई दिल्ली: भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम के सहायक कोच रयान टेन डोएशे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चौथा दिन भारतीय स्पिनरों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि विकेट में समय के साथ गिरावट आएगी, लेकिन इसके विपरीत, विकेट और भी धीमा हो गया है, जिससे बल्लेबाजी करना बल्लेबाजों के लिए आसान हो गया है।
टेन डोएशे ने आगे कहा, “हमने यह उम्मीद की थी कि विकेट समय के साथ बिगड़ता जाएगा, लेकिन यह केवल और धीमा हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, गेंदबाजों के लिए गति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि स्पिनरों को अब अधिक शक्ति लगाने की आवश्यकता है, जैसा कि रवींद्र जडेजा ने दूसरे दिन के खेल के दौरान भी कहा था। इसकी वजह से गेंदबाजों को अपनी रणनीतियों को फिर से सोचने की आवश्यकता पड़ सकती है।
बल्लेबाज को मिलता है अधिक समय
रयान टेन डोएशे ने स्पष्ट किया कि जब गेंद को तेज फेंका जाता है, तो स्पिन कम मिलती है, जबकि धीमी गेंद पर टर्न बढ़ता है, लेकिन इससे बल्लेबाज को खेलने का अधिक समय मिल जाता है। उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह थोड़ा धीमा गेंदबाजी करते हैं, तब उन्हें टर्न मिलता है, लेकिन बल्लेबाज को भी अधिक समय मिल जाता है। ऐसे में गेंद की गति में विविधता लाना गेंदबाजों का सबसे बड़ा हथियार हो सकता है। इसके अलावा, उन्होंने जान कैंपबेल की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा कि कैंपबेल ने शानदार स्वीप शॉट खेले और धैर्य के साथ बल्लेबाजी की। ऐसे विकेट पर गेंदबाजों से अधिक उम्मीद करना सही नहीं है।
कुलदीप को क्यों नहीं मिली नई गेंद
पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले कुलदीप यादव को दूसरी पारी में नई गेंद नहीं दी गई। इस पर टेन डोएशे ने कहा, “नई गेंद से जडेजा को उतारने का फैसला इस उम्मीद में लिया गया कि सख्त गेंद फिंगर स्पिनरों को थोड़ा अधिक ग्रिप दे सकती है।” उन्होंने यह भी बताया कि नई गेंद से वॉशिंगटन सुंदर या जडेजा में से किसी एक को उतारने पर विचार किया जा रहा था, और अंततः कप्तान शुभमन गिल ने जडेजा को चुनने का निर्णय लिया।
इसके साथ ही, टेन डोएशे ने विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरैल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस सीरीज में जुरैल हमारी सबसे बड़ी सकारात्मक खोज रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों ही शानदार रही हैं। जुरैल ने टीम की संस्कृति के अनुरूप निस्वार्थ भाव से खेल दिखाया है, जो टीम के लिए एक बड़ा लाभ है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें टीम में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
खेल का आगे का सफर
चौथे दिन का खेल टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। भारतीय स्पिनरों को अपनी गेंदबाजी में अधिक विविधता लानी होगी ताकि वे वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को चुनौती दे सकें। टेन डोएशे के अनुसार, विकेट में बदलाव के कारण गेंदबाजों को अधिक मेहनत करनी होगी, लेकिन यदि वे सही रणनीतियों का पालन करते हैं, तो उन्हें सफलता मिल सकती है।
वेस्टइंडीज की टीम के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। अगर वे सही समय पर सही शॉट्स खेलते हैं, तो वे मैच को अपनी ओर मोड़ सकते हैं। दोनों टीमों के लिए यह टेस्ट मैच क्रिकेट के इस प्रारूप में आत्मविश्वास बढ़ाने का एक अच्छा मौका है। ऐसे में क्रिकेट प्रेमियों को चौथे दिन का खेल देखने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि यह मैच अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है।