आईआईटी हैदराबाद में अशोक वेमुलापल्ली फ्लोर का उद्घाटन
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद ने आज अपने कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में त्रिजियो टेक्नोलॉजीज के संस्थापक अशोक वेमुलापल्ली फ्लोर का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन आईआईटी हैदराबाद के लिए नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सुनिता वेमुलापल्ली का योगदान
यह फ्लोर सुनिता वेमुलापल्ली के उदार समर्थन से संभव हुआ है, जो अपने पति की तकनीक और उद्योग में दृष्टिकोणात्मक योगदान का जश्न मना रही हैं। उद्घाटन समारोह में सुनिता वेमुलापल्ली के साथ आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर बीएस मूर्ति, डीन प्रोफेसर महेंद्रकुमार माधवन और कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एंटनी फ्रैंकलिन भी उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह की विशेषताएँ
समारोह के बाद, वेमुलापल्ली ने छात्रों और फैकल्टी के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी उद्यमिता यात्रा के अनुभव साझा किए। त्रिजियो टेक्नोलॉजीज के संस्थापक के रूप में, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम), डिजिटल ट्विन तकनीकों, और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के लिए इंजीनियरिंग समाधानों में अग्रणी काम किया है। ये सभी क्षेत्र आईआईटी हैदराबाद के अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों से निकटता से जुड़े हुए हैं।
संस्थान के प्रमुखों की प्रतिक्रियाएँ
प्रोफेसर बीएस मूर्ति ने उद्घाटन को “दृष्टि और उद्देश्य के एकीकरण” के रूप में वर्णित किया और कहा कि वेमुलापल्ली परिवार का योगदान दिखाता है कि उद्योग के नेता कैसे अकादमिक संस्थानों को नवाचार और वैश्विक प्रभाव को तेज करने के लिए सशक्त बना सकते हैं।
प्रोफेसर एंटनी फ्रैंकलिन ने यह भी बताया कि नया फ्लोर उन्नत प्रयोगशालाएँ और सहयोगी स्थान स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से जुड़ी कंप्यूटिंग अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा।
सुनिता वेमुलापल्ली की भावना
सुनिता वेमुलापल्ली ने कहा, “मैं और मेरे पति आईआईटी हैदराबाद के प्रति गहन आभार व्यक्त करते हैं कि हमें इसके प्रेरणादायक यात्रा में योगदान देने का अवसर मिला। यह पहल केवल पहचान का विषय नहीं है — यह नवाचार को पोषित करने, युवा मानसिकताओं का समर्थन करने और तकनीकी प्रगति की एक विरासत को जारी रखने का है जो उनके जीवन के काम और मूल्यों को दर्शाता है।”
उच्च शिक्षा में दान की संस्कृति का विकास
प्रोफेसर महेंद्रकुमार माधवन ने इस योगदान को “उच्च शिक्षा में दान की बढ़ती संस्कृति” के रूप में बताया और कहा कि यह आईआईटी हैदराबाद के मिशन के साथ मेल खाता है जो एक जीवंत, वैश्विक रूप से जुड़े अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, अशोक वेमुलापल्ली फ्लोर का उद्घाटन न केवल आईआईटी हैदराबाद के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, बल्कि यह तकनीकी नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में उद्योग और अकादमिक समुदाय के बीच सहयोग का एक शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। इस पहल से आने वाले समय में छात्रों और शोधकर्ताओं को नई संभावनाएँ और अवसर मिलने की उम्मीद है।