राजस्थान में बारिश का प्रभाव: बीसलपुर बांध की पानी निकासी में वृद्धि
राजस्थान के कई जिलों में रविवार रात को हुई तेज बारिश ने लोगों के लिए कई चुनौतियाँ पैदा कर दी हैं। बारिश के चलते सड़कों पर पानी बहने लगा और कई खेतों में भी जलभराव हो गया। इससे किसानों को रबी फसल की बुवाई में देरी होने की संभावना बढ़ गई है। सोमवार को भी कई स्थानों पर हल्की बारिश जारी रही, जिससे मौसम का मिजाज बदल गया है।
बीसलपुर बांध में भी बारिश का असर देखने को मिला है। बांध के भराव क्षेत्र में पानी की आवक बढ़ने के कारण, बांध से पानी निकासी को बढ़ा दिया गया है। आज सुबह 6 बजे बांध के गेट को एक मीटर खोलकर प्रति सेकेंड 6010 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इससे बनास नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है, जो लोगों के लिए खतरा साबित हो सकता है।
बांध से पानी निकासी की स्थिति
बीसलपुर बांध के गेट को एक मीटर खोलने के बाद से पानी की निकासी में वृद्धि की गई है। रविवार रात दस बजे, गेट को 0.25 मीटर से बढ़ाकर आधा मीटर कर दिया गया था। बांध में पानी की आवक में वृद्धि का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे यह संभावना बनी हुई है कि गेट को और अधिक खोला जा सकता है। इससे बनास नदी के रपटों पर जल स्तर काफी बढ़ गया है, जिससे वहां से गुजरना जानलेवा साबित हो सकता है।
तापमान में गिरावट और मौसम में बदलाव
इस मौसम में आई अचानक बदलाव ने तापमान को भी प्रभावित किया है। आज सुबह 7 बजे अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दोपहर में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार हैं। न्यूनतम तापमान भी 23 डिग्री सेल्सियस रहा। इस बारिश के चलते आने वाले समय में तापमान और गिरने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलेगी।
इस बदलाव के कारण पिछले 24 घंटे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। बारिश के साथ-साथ मौसम में आई यह राहत लोगों के लिए सुखद अनुभव है।
बीसलपुर बांध की पानी निकासी की निरंतरता
बीसलपुर बांध से पानी की निकासी का यह सिलसिला पिछले ढाई माह से लगातार जारी है। आज सुबह बांध के गेट को एक मीटर खोलने के बाद प्रति सेकंड 6010 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इस दौरान बांध में पानी की आवक बढ़ती जा रही है, और यह संभावना है कि इसे और अधिक खोला जा सकता है।
इस प्रकार, राजस्थान में बारिश ने न केवल मौसम का मिजाज बदला है, बल्कि किसानों की फसल बुवाई पर भी इसका असर पड़ा है। प्रशासन ने लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। मौसम के इस परिवर्तन के चलते लोगों को राहत तो मिली है, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है।