जयपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के लिए रायशुमारी पूरी, 50 दावेदारों में से 6 नाम दिल्ली भेजे जाएंगे
जयपुर में जिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए चल रही रायशुमारी सोमवार को समाप्त हो गई। यह प्रक्रिया शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 9 दिन तक चली, जिसमें कुल 50 दावेदार सामने आए हैं। अब इन दावेदारों में से 6 नामों का पैनल दिल्ली भेजा जाएगा, जहां पार्टी आलाकमान अंततः अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाएगा। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि यह आगामी चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है।
रायशुमारी की जिम्मेदारी आंध्रप्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य गिडुगु रुद्र राजू के कंधों पर थी, जो 5 अक्टूबर से कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रायशुमारी कर रहे थे। इस प्रक्रिया का अंतिम चरण सोमवार को सांगानेर और विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्रों में संपन्न हुआ। हालांकि, इस दौरान एक भी नाम स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया, जो इस प्रक्रिया की नाजुकता को दर्शाता है।
कौन हैं प्रमुख दावेदार? डोटासरा और गहलोत के पसंदीदा नाम
जयपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में कई प्रमुख नाम शामिल हैं। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पुष्पेंद्र भारद्वाज के पक्ष में जोर दे रहे हैं, और उनके समर्थन में विधायक अमीन कागजी और रफीक खान भी सक्रिय हैं। इसके अलावा, विप्र बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, सुनील शर्मा, और अशोक गहलोत के करीबी आरआर तिवाड़ी भी इस दौड़ में शामिल हैं।
- पुष्पेंद्र भारद्वाज के लिए डोटासरा की पूरी कोशिशें जारी हैं।
- महेश शर्मा भी दौड़ में हैं, जो अपने अनुभव के लिए जाने जाते हैं।
- सुनील शर्मा, जिन्हें पहले सांसद का टिकट मिला था, लेकिन बाद में वापस ले लिया गया था, भी एक दावेदार हैं।
- आरआर तिवाड़ी को गहलोत का समर्थन प्राप्त है, जो उनकी सिफारिशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- महेश जोशी के मित्रोदय गांधी भी इस पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
- अल्पसंख्यक समुदाय से इक़बाल भाई और इमरान कुरैशी, ओबीसी से भवानी शंकर माली और भारती कुमावत भी संभावित दावेदार हैं।
- महिलाओं के लिए अर्चना शर्मा और संगीता गर्ग भी अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं।
कांग्रेस के संगठन में सिफारिशों का महत्व
जयपुर जिले के अध्यक्ष का चयन कांग्रेस के संगठन महासचिव सीताराम शर्मा नेहरू द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा। इस प्रक्रिया में शहर के 2 विधायक, 90 पार्षद और 2200 कार्यकर्ताओं की सिफारिशें शामिल होंगी। इनमें 5 विधायक प्रत्याशी, 16 ब्लॉक अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी, और 88 मंडल अध्यक्ष भी शामिल हैं। यह एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है जो पार्टी के भीतर की लोकतांत्रिकता को दर्शाती है।
पूर्व जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा, “लगभग 100 लोगों ने अध्यक्ष बनने की इच्छाशक्ति जताई है। फिलहाल जयपुर जिला प्रभारी कार्यकर्ताओं की राय ले रहे हैं। इसके बाद विभिन्न वर्गों से 8 नाम दिल्ली भेजे जाएंगे, जिनमें से एक पर अंतिम निर्णय होगा। मैं खुद दावेदार नहीं हूं, लेकिन पार्टी के हित में जो भी निर्णय होगा, उसे स्वीकार करूंगा।”
चुनाव की तैयारी और आलाकमान की भूमिका
आरआर तिवाड़ी ने इस प्रक्रिया को लेकर कहा, “निगम चुनाव नजदीक हैं, और हम चाहते हैं कि जयपुर में कांग्रेस का बोर्ड और मेयर बने। हमें उम्मीद है कि कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। बाकी आलाकमान जो उचित समझे, उसी में हम सबकी सहमति है।”
कांग्रेस के इस महत्वपूर्ण फैसले से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी ने अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए गंभीरता से विचार किया है। इस प्रक्रिया में शामिल सभी दावेदार अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, और उनकी चुनावी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा नाम आलाकमान के द्वारा चुना जाएगा और वह कैसे पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती प्रदान करेगा।