Rainfall: राजस्थान में बारिश से खराब हुईं बाजरे, मूंग और मोठ की फसलें



राजस्थान के धोरीमन्ना क्षेत्र में हुई मूसलधार बारिश राजस्थान के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के कई गांवों में रविवार को हुई मूसलधार बारिश ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।…

Rainfall: राजस्थान में बारिश से खराब हुईं बाजरे, मूंग और मोठ की फसलें

राजस्थान के धोरीमन्ना क्षेत्र में हुई मूसलधार बारिश

राजस्थान के धोरीमन्ना उपखंड क्षेत्र के कई गांवों में रविवार को हुई मूसलधार बारिश ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। विशेषकर खरड़, अजाणियों की ढाणी, रावों की बेरी, लुखु, आदर्श लूखू, दूधू, नेड़ीनाडी, गडरा, कोजा, भलीसर, मीठड़ा खुर्द, सुदाबेरी और कातरला खिलेरियान जैसे गांवों में बारिश ने फसलों के लिए संकट पैदा कर दिया है। किसानों के खेतों में बाजरा और ग्वार की फसलें खड़ी थीं, लेकिन अचानक आई बारिश ने इन फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

किसानों ने अपने खेतों में मूंग-मोठ की फसल काटकर उन्हें खुले में ढेरियों में रखा था, लेकिन बारिश के कारण ये फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। अधिकांश किसान अपनी फसलें इकट्ठा नहीं कर पाए थे, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। गडरा गांव के एक खेत की तस्वीर इस स्थिति को बखूबी दर्शाती है, जहां बाजरे की फसल बारिश के पानी में डूब गई है। ऐसे में किसानों को नुकसान की भरपाई की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं।

किसानों पर बरपा संकट

बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। कई किसानों ने अपनी फसलें काटकर सुरक्षित करने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश फसलें खेतों में ही पड़ी रह गईं। इस स्थिति ने किसानों के लिए कई समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं, जैसे:

  • फसलों का बर्बाद होना
  • आर्थिक कठिनाइयां
  • आवश्यकता अनुसार खाद्य सामग्री की कमी

किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि वे इस संकट में प्रभावित किसानों की सहायता करें। बारिश के कारण हुई फसल बर्बादी के लिए उचित मुआवजा प्रदान करने की अपील की गई है। इसके अलावा, किसानों को फसल बीमा की सुविधा का लाभ भी उठाने की सलाह दी गई है।

स्थानीय प्रशासन की तैयारी

स्थानीय प्रशासन ने भी बारिश के बाद के हालात को संभालने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और नुकसान का आंकलन करने के लिए टीमों का गठन किया है। इसके साथ ही, किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल के नुकसान का उचित दस्तावेजीकरण करें, ताकि मुआवजे की प्रक्रिया में कोई समस्या न आए।

इस बीच, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते किसानों में चिंता और बढ़ गई है। ऐसे में किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों की स्थिति पर नजर रखें और आवश्यक कदम उठाएं।

किसान समुदाय की एकजुटता

इस संकट के बीच, किसान समुदाय ने एकजुटता दिखाई है। कई किसान एक-दूसरे की मदद करते हुए नजर आए हैं, ताकि जो फसलें अभी भी सुरक्षित हैं, उन्हें बचाया जा सके। स्थानीय बाजारों में भी चर्चा चल रही है कि कैसे मिलकर इस बुरे समय का सामना किया जा सकता है।

किसानों की इस एकजुटता ने यह साबित कर दिया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी वे एक-दूसरे का सहारा बनते हैं। ऐसे समय में समाज के अन्य वर्गों से भी किसानों की मदद की अपील की जा रही है।

आगे की रणनीतियाँ

किसान संगठनों ने आगे की रणनीति बनाने पर भी विचार किया है। इसमें फसल बीमा की जानकारी को बढ़ावा देने और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, किसानों को बेहतर कृषि तकनीक और मौसम की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी बनाई गई है।

इस प्रकार, धोरीमन्ना क्षेत्र में बारिश ने किसानों के लिए संकट उत्पन्न किया है, लेकिन किसानों की एकजुटता और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता से इस संकट का सामना करने की कोशिश की जा रही है। सभी की नजर अब इस बात पर है कि सरकार कैसे मदद करती है और किसान अपनी फसल को कैसे बचाने में सफल होते हैं।

राजस्थान समाचार हिंदी में

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