गांव में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए मुनादी कराई गई
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में अवैध शराब की बिक्री दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए छिछोर उमरिया गांव में अब एक अनोखी पहल की गई है। गांव के सरपंच रामेश्वरी साव ने मुनादी कराई है कि यदि कोई व्यक्ति अवैध शराब की बिक्री करता है, तो उसे 21 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही, ऐसे व्यक्तियों को राशन कार्ड से भी वंचित किया जाएगा।
सरपंच की पहल और गांववासियों की सक्रियता
ग्रामीणों का कहना है कि छिछोर उमरिया गांव में अवैध शराब का कारोबार काफी समय से चल रहा है, जिससे गांव का माहौल बिगड़ता जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए सरपंच रामेश्वरी साव ने यह कदम उठाया है। मुनादी के जरिए गांव के हर निवासी को इस नियम के बारे में बताया गया है। अगर कोई व्यक्ति अवैध शराब बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे न केवल आर्थिक दंड का सामना करना पड़ेगा, बल्कि उसकी सामाजिक स्थिति पर भी इसका असर पड़ेगा।
पुसौर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा गया
गांव के निवासियों ने पुसौर थाना प्रभारी को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने अवैध शराब की बिक्री और कच्चा शराब बनाने की घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। ज्ञापन में कहा गया है कि गांव में लंबे समय से यह अवैध कारोबार चल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने अवैध शराब व्यापार पर अंकुश लगाने की मांग की है ताकि गांव का वातावरण सुरक्षित और शांति प्रिय हो सके।
अवैध शराब के कारोबार का सामाजिक प्रभाव
अवैध शराब के कारोबार का असर केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। ग्रामीणों ने बताया कि इस कारोबार के कारण गांव में आए दिन झगड़े और मारपीट की घटनाएं बढ़ गई हैं। पहले से ही शांतिप्रिय गांव का माहौल अब तनावपूर्ण बन गया है। छोटे बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक असर हो रहा है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है।
समुदाय की एकजुटता
गांव की इस स्थिति को सुधारने के लिए स्थानीय निवासियों ने एकजुटता दिखाई है। ग्राम पंचायत के सदस्यों और गांववासियों ने मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की और एक ठोस योजना बनाई है। सरपंच रामेश्वरी साव का कहना है कि अब गांव में कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस प्रकार की पहल से न केवल अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगेगा, बल्कि गांव के निवासियों के बीच एकता और सहयोग की भावना भी विकसित होगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, छिछोर उमरिया गांव में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए उठाया गया यह कदम अन्य गांवों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। जब समुदाय एकजुट होता है और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होता है, तो वह अपने गांव को सुरक्षित और समृद्ध बना सकता है। उम्मीद है कि इस पहल से गांव में सुधार होगा और अवैध शराब का कारोबार समाप्त होगा।