राजस्थान शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक: पुरानी पेंशन योजना पर गहरी चिंता
राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक की प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक हाल ही में अजमेर रोड स्थित एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पुरानी पेंशन योजना (OPS) को समाप्त करने की संभावनाओं पर चर्चा करना था। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्र भट्ट ने इस संदर्भ में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि OPS में किसी भी प्रकार का बदलाव सहन नहीं किया जाएगा।
भट्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि पेंशन कर्मचारियों की सेवा का प्रतिफल और उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस अधिकार का सम्मान करे और OPS को बहाल रखने की दिशा में कदम उठाए। इस बैठक में शिक्षकों की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए गए।
बैठक में उठाई गई प्रमुख मांगें
बैठक में कुछ प्रमुख मांगें रखी गईं, जो शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। इनमें शामिल हैं:
- तृतीय श्रेणी शिक्षकों के शीघ्र तबादले की आवश्यकता।
- पिछले पांच वर्षों से लंबित डीपीसी का आयोजन।
- संविदा शिक्षकों को स्थायी करना।
- पदोन्नत उप प्राचार्य और प्राचार्यों की ऑनलाइन काउंसलिंग कर रिक्त पदों पर पदस्थापन।
- दीपावली बोनस की घोषणा।
इन मांगों को लेकर शिक्षकों में एकजुटता और आक्रोश देखने को मिला। इस बैठक में विचार-विमर्श के बाद प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन उदयपुर में करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। हालांकि, पूर्व में निर्धारित 21 और 22 नवंबर की तिथियों को विवाह समारोहों की अधिकता के कारण बदलने का निर्णय लिया गया है। अब सरकार से जनवरी 2026 में उपयुक्त तिथि के लिए प्रार्थना पत्र देने का निर्णय लिया गया है।
नवीन कार्यकारिणी का गठन
बैठक के दौरान, महामंत्री रमेश आचार्य ने ब्यावर जिले की नई कार्यकारिणी की घोषणा की। इस नई कार्यकारिणी में माकनलाल माली और शम्भू दयाल व्यास को प्रांतीय संरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, श्रीमती सरोज पाठक को जिला संरक्षक, प्रेम प्रकाश शर्मा को जिलाध्यक्ष, करण सिंह राठौड़ को जिला मंत्री और ठाकुर दास मेहरा को जिला कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
नवीन कार्यकारिणी का गठन शिक्षकों के बीच एक नई उम्मीद जगाता है। प्रांतीय पदाधिकारियों ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए उन्हें कार्य क्षेत्र में सफल होने के लिए शुभकामनाएं दीं। इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक समुदाय अपनी मांगों को लेकर गंभीर है और वे एकजुटता के साथ आगे बढ़ेंगे।
शिक्षकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एकजुटता
राजस्थान में शिक्षकों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षकों के प्रतिनिधियों ने सरकार से अपील की है कि वे उनकी मांगों पर ध्यान दें और उनके अधिकारों का सम्मान करें। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन मांगों पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है।
राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक की यह बैठक न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। शिक्षकों का एकजुट होना और उनकी आवाज को उठाना इस बात का प्रमाण है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने को तैयार हैं।
इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि शिक्षकों की समस्याओं को केवल सरकार की सहानुभूति से नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने से ही हल किया जा सकता है। ऐसे में, यह आवश्यक है कि सरकार और शिक्षा विभाग, दोनों मिलकर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करें और उनके अधिकारों की सुरक्षा करें।
इस प्रकार, राजस्थान शिक्षक संघ की इस प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक ने शिक्षकों के बीच एक नई जागरूकता और एकता का संचार किया है। अब सभी की नजरें इस बात पर रहेंगी कि क्या सरकार शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लेगी और उनके अधिकारों की सुरक्षा में कदम उठाएगी।