अशोक गहलोत का जोधपुर दौरा और घायलों के प्रति संवेदना
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज जोधपुर पहुंचे। हवाई अड्डे से सीधा उनका रुख महात्मा गांधी अस्पताल की ओर था, जहां उन्होंने घायलों की कुशलक्षेम पूछी। गहलोत ने मृतकों के परिजनों से भी मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लिया और उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
डीएनए टेस्ट की आवश्यकता और सरकार की जिम्मेदारी
गहलोत ने कहा, “हमारी दो मुख्य मांगें हैं। सबसे पहले, जो लोग इस घटना में मारे गए हैं, उनके शवों के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उनका डीएनए टेस्ट कब पूरा होगा। हम कलेक्टर और कमिश्नर से बात कर रहे हैं ताकि यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके। परिजनों को कम से कम यह तो पता चले कि यह उनका शव है।” उन्होंने यह भी बताया कि वे मुख्यमंत्री से बात करने का प्रयास कर रहे हैं और डॉक्टरों की टीम भी इस मामले में अच्छा काम कर रही है।
घटना की जांच की आवश्यकता
गहलोत ने घटना के कारणों की जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “घटना हुई क्यों, यह जानना आवश्यक है। कई तरह की कहानियां आ रही हैं। कोई कह रहा है कि नई गाड़ी में आग लग गई, जबकि कुछ का कहना है कि इसका कंप्रेसर फट गया। यदि जांच नहीं होगी, तो इस तरह की घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की पूरी जांच करानी चाहिए ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।
मुआवजे की मांग और सरकार की भूमिका
गहलोत ने मुआवजे के मुद्दे पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने अभी तक कोई मुआवजा घोषित नहीं किया है। प्रधानमंत्री राहत कोष से 200000 रुपये की सहायता की बात कही गई है, लेकिन इससे परे, अधिकतम मुआवजा दिया जाना चाहिए।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर में अस्पताल में हुई मौतों पर मुआवजा दिया गया था, और भूंगरा कांड में भी मुआवजा घोषित किया गया था।
परिजनों की चिंताएं और डीएनए टेस्ट की मांग
गहलोत ने कहा कि परिजनों की मांग है कि उन्हें शवों के बारे में जानकारी दी जाए। “हमें यह नहीं पता कि कौन सा शव हमारा है। डीएनए टेस्ट जल्द से जल्द होना चाहिए। यह उनकी मांग है और हमारी भी।” उन्होंने यह भी बताया कि उपचार चल रहा है और अधिक जलने वाले घायलों की चिंता है।
समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता
गहलोत ने इस घटना के बाद समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए। “उम्मीद है कि कई घायलों की हालत में सुधार होगा और वे जल्द स्वस्थ होंगे।” उन्होंने बस के कंडक्टर से भी बात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि स्थिति को नियंत्रित किया जाएगा।
निष्कर्ष
अशोक गहलोत का जोधपुर दौरा एक महत्वपूर्ण कदम था जिसमें उन्होंने घायलों और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उनकी मांगों पर ध्यान देना और जांच प्रक्रिया को तेज करना आवश्यक है। इस घटना से सबक लेते हुए, सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और सभी प्रभावित परिवारों को उचित सहायता मिले।
यह घटना न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों का पालन आवश्यक है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक सुरक्षित और जिम्मेदार समाज का निर्माण करें।