Observer: राजस्थान में कांग्रेस में गुटबाजी तेज, देहात के नेताओं से मिलेंगे पर्यवेक्षक



कांग्रेस के अध्यक्षों में बदलाव की तैयारी, सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के सृजन संगठन कार्यक्रम के तहत अध्यक्षों को बदलने की योजना बनाई जा रही…

कांग्रेस के अध्यक्षों में बदलाव की तैयारी, सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के सृजन संगठन कार्यक्रम के तहत अध्यक्षों को बदलने की योजना बनाई जा रही है। इस बार अध्यक्ष पद के दावेदारों की चयन प्रक्रिया में सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता को एक महत्वपूर्ण मानक माना जा रहा है। दावेदारों से प्राप्त फॉर्म में उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी मांगी जा रही है, जिससे पार्टी यह जान सके कि वे कितनी स्वीकार्यता प्राप्त कर चुके हैं।

बीकानेर के सर्किट हाउस में चल रहे इस कार्यक्रम में पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें एक फॉर्म भी दिया जा रहा है, जिसमें सामान्य जानकारियों के साथ-साथ दावेदारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की डिटेल्स भी शामिल हैं। पार्टी के नेताओं का मानना है कि सोशल मीडिया पर दावेदार की पकड़ भी अध्यक्ष पद के चयन में एक महत्वपूर्ण कारक होगी। इसके साथ ही, पिछले चुनावों में दावेदारों ने कितने चुनाव लड़े और उन्हें कितने प्रतिशत मत मिले, इसकी भी जानकारी ली जा रही है।

समर्थकों की पहचान और राजनीतिक अनुभव

कांग्रेस पार्टी ने प्रत्येक दावेदार से एक सौ कार्यकर्ताओं के नाम और उनके मोबाइल नंबर भी मांगे हैं। यह जानकारी पर्यवेक्षक को फॉर्म के साथ प्रदान की जा रही है, ताकि वे सीधे इन कार्यकर्ताओं से संपर्क कर सकें। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दावेदारों के पास समर्थकों का एक मजबूत नेटवर्क हो, जो उनकी दावेदारी को और मजबूत बनाए।

इसके अलावा, पर्यवेक्षक बीकानेर शहर के बुद्धिजीवी वर्ग के साथ भी बैठक करेंगे। इस बैठक में साहित्यकार, शिक्षक, पत्रकार और वकील शामिल होंगे। हर वर्ग से पांच से छह प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा, और उनकी राय भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मानी जाएगी। इस तरह की वार्ताएं पार्टी को यह जानने में मदद करेंगी कि किस दावेदार की सामाजिक स्वीकृति कितनी है।

रामेश्वर डूडी के निधन से पार्टी में निराशा

हाल ही में कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी के निधन से पार्टी में एक खेमा निराश है। वर्तमान देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग रविवार को सर्किट हाउस में दिनभर रहे, लेकिन उनके चेहरे पर गम साफ झलक रहा था। डूडी समर्थक सियाग के साथ हैं और उनके महज दो साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। यह स्थिति पार्टी में एक नई हलचल का कारण बन गई है।

देहात अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी

देहात अध्यक्ष बनने के लिए बिशनाराम सियाग का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा, पूर्व मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, शिवलाल गोदारा, और रामनिवास कूकणा के नाम भी चर्चा में हैं। इस पद के लिए दावेदारी करने वाले सभी नेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है।

शहर में दावेदारों की चर्चा

बीकानेर शहर में भी कई दावेदार चर्चा में हैं। पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला के भतीजे अनिल कल्ला इस दौड़ में शामिल हैं। रविवार को उनके समर्थकों ने पर्यवेक्षक से मिलकर अनिल के लिए पैरवी की। इसके अलावा, सचिन पायलट गुट से अरुण व्यास भी अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। खुद व्यास तो मौके पर नहीं आए, लेकिन उनके समर्थकों ने आवेदन किया है।

पूर्व निगम मेयर मकसूद अहमद ने अल्पसंख्यक वर्ग से अपना दावा रखा है। इसके अलावा, हारुन राठौड़ और शहर कार्यकारिणी के सदस्य रवि पुरोहित ने भी अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश किया है। इन सभी गतिविधियों से स्पष्ट है कि बीकानेर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और सभी दावेदार अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हुए हैं।

कांग्रेस पार्टी का यह सृजन संगठन कार्यक्रम आगामी चुनावों में उनकी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास है। सोशल मीडिया की भूमिका और स्थानीय कार्यकर्ताओं के समर्थन को ध्यान में रखते हुए, पार्टी अध्यक्षों का चयन किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि पार्टी किस दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना रही है।

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