बॉलीवुड अभिनेता बॉबी देओल ने दिल्ली के लाल किले में मनाया दशहरा 2025
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता बॉबी देओल ने 2025 के दशहरा के मौके पर दिल्ली के लाल किले में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। हाल ही में द बैस्टर्ड्स ऑफ बॉलीवुड में नजर आए बॉबी ने इस पारंपरिक रावण दहन में भाग लिया, जहां भक्तों ने रावण की प्रतिमा को जलते हुए देखा और त्यौहार का आनंद लिया। बॉबी ने लव कुश रामलीला समिति का निमंत्रण स्वीकार करते हुए 2 अक्टूबर को दिल्ली के लाल किले के मैदान में रावण की प्रतिमा का प्रतीकात्मक वध करने में भाग लिया।
बॉबी ने जय बजरंग बली के उद्घोष के बीच अपने हाथ में गदा थाम रखी थी, जिससे उन्होंने भगवान हनुमान को सम्मानित किया। बारिश के बावजूद, बॉबी और लाल किले में एकत्रित भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। जैसे ही उन्होंने रावण की प्रतिमा पर तीर चलाया, उसके बाद आतिशबाजी का एक शानदार दृश्य उपस्थित हुआ, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक था। आयोजकों ने उन्हें भगवान राम की एक मूर्ति भी भेंट की।
बॉबी देओल का उत्साह और श्रद्धा
इस कार्यक्रम के पहले, बॉबी ने आयोजकों के साथ साझा किए गए एक वीडियो संदेश में अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “दिल्ली की रामलीला में इस बार मैं आ रहा हूँ… तो मिलते हैं दशहरे पर।” उनके इस उत्साह ने प्रशंसकों को और भी उत्साहित कर दिया, जो दशहरे की इस महान परंपरा का हिस्सा बनने के लिए लालायित थे।
दशहरा का यह आयोजन हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और इस वर्ष बॉबी देओल का शामिल होना इसे और भी खास बना दिया। पिछले वर्ष, सिंघम अगेन की कास्ट और क्रू, जिसमें रोहित शेट्टी और अजय देवगन शामिल थे, ने भी रावण की प्रतिमा को जलाने में भाग लिया था। यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि समाज में अच्छाई की विजय और बुराई के अंत का संदेश भी देती है।
दिल्ली में दशहरा समारोह का महत्व
दिल्ली में दशहरा समारोह की अपनी एक खास पहचान है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे को बढ़ाने का भी एक माध्यम है। इस मौके पर लाखों भक्त एकत्र होते हैं, जो रावण दहन के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लेते हैं।
- दशहरा के इस पर्व पर रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण की विशाल प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है।
- यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
- हर वर्ष लाखों लोग इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए दिल्ली आते हैं।
इस वर्ष बॉबी देओल का लाल किले में आना निश्चित रूप से इस समारोह की शोभा बढ़ाने वाला था। उनके साथ भक्तों का उत्साह और भी बढ़ गया। रावण दहन के समय जब उन्होंने तीर चलाया, तो वहां मौजूद सभी लोग एक साथ जयकारे लगाते हुए इस पल का आनंद ले रहे थे। यह दृश्य सचमुच मनमोहक था और भक्तों के चेहरे पर खुशी की चमक लाने वाला था।
दशहरा के इस पर्व पर जब हम रावण को जलाते हैं, तो यह केवल एक प्रतिमा का दहन नहीं होता, बल्कि यह हमारे भीतर की बुराईयों को भी समाप्त करने का एक प्रयास होता है। बॉबी देओल जैसे सितारों का इस तरह के आयोजनों में भाग लेना इस संदेश को और भी बलवान बनाता है।
आगे की योजनाएं और उम्मीदें
आगामी वर्षों में भी इस तरह के समारोहों में सितारों का भाग लेना जारी रहेगा, जिससे न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह हमारी संस्कृति की अनूठी पहचान को भी बनाए रखने में मदद करेगा। बॉबी देओल जैसे सितारे जब इस तरह के आयोजनों में शामिल होते हैं, तो यह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।
साल दर साल दिल्ली के दशहरा समारोह का महत्व बढ़ता जा रहा है, और इस बार बॉबी देओल का हिस्सा बनना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि हमारी संस्कृति और परंपराओं को सजीव रखने का प्रयास हमेशा चलता रहेगा। आशा है कि आने वाले दशहरों में भी हम ऐसे ही भव्य और प्रेरणादायक समारोहों का हिस्सा बनते रहेंगे।