“Wind तेज हवा से 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला गिरा: उज्जैन दशहरा मैदान पर दो कारीगर हुए घायल; बारिश के बीच हुआ दहन”



उज्जैन में दशहरा उत्सव से पहले 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला गिरा उज्जैन के दशहरा मैदान पर आयोजित होने वाले दशहरा उत्सव से पहले एक अप्रत्याशित घटना ने सभी…

“Wind तेज हवा से 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला गिरा: उज्जैन दशहरा मैदान पर दो कारीगर हुए घायल; बारिश के बीच हुआ दहन”

उज्जैन में दशहरा उत्सव से पहले 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला गिरा

उज्जैन के दशहरा मैदान पर आयोजित होने वाले दशहरा उत्सव से पहले एक अप्रत्याशित घटना ने सभी को चौंका दिया।101 फीट ऊंचा रावण का पुतला तेज हवा के कारण गिर गया, जिससे वहां खड़े दो कारीगर घायल हो गए। यह घटना उत्सव की तैयारी के दौरान हुई और आयोजकों ने स्थिति को संभालते हुए बारिश के बीच ही पुतले का दहन किया।

घटना का विवरण

यह घटना शाम करीब सात बजे हुई, जब श्री महाकालेश्वर की सवारी दशहरा मैदान पहुंची थी और शमी पूजन की तैयारी चल रही थी। अचानक तेज हवाएं चलने लगीं और इसके कारण मैदान के दूसरे छोर पर स्थापित रावण का विशाल पुतला गिर पड़ा। पुतला पीछे की ओर गिरा, जिससे उसकी चपेट में दो कारीगर आ गए।

घायलों में से एक कारीगर का नाम लखन बताया गया है। घटना के समय, पुतले के सिर को ठीक करने के प्रयास में कारीगर पुतले के पीछे चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। पुतले के गिरने के तुरंत बाद बारिश शुरू हो गई, जिससे दर्शक मैदान से बाहर जाने लगे।

आयोजकों की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद आयोजकों ने स्थिति को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए। उन्होंने आतिशबाजी का आयोजन किया और गिरे हुए पुतले को आग लगाई। इस समय तक मैदान लगभग खाली हो चुका था और दर्शक बारिश के कारण लौटने लगे थे। दशहरा उत्सव समिति के मनीष शर्मा ने बताया कि तेज हवा के कारण पुतला गिरा और पीछे खड़े दो लोगों को चोटें आई हैं।

दर्शकों का अनुभव

दर्शकों ने इस घटना को देखकर हैरानी जताई। कुछ ने कहा कि पुतला गिरने के बाद भी उत्सव का माहौल बना रहा, लेकिन बारिश ने उत्सव की शोभा को कुछ हद तक कम कर दिया। आयोजकों का प्रयास रहा कि लोग इस घटना को लेकर निराश न हों और वे उत्सव का आनंद लें।

दर्शकों का कहना था कि इस प्रकार की घटनाएं कभी-कभी होती हैं, लेकिन इससे उत्सव की रौनक में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्हें उम्मीद थी कि अगले वर्ष यह आयोजन और भी शानदार होगा।

सुरक्षा के उपाय

इस घटना ने आयोजकों को सुरक्षा के उपायों पर पुनर्विचार करने का अवसर दिया है। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए पुतलों के निर्माण और स्थापना में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आयोजकों ने इस विषय पर चर्चा करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

निष्कर्ष

उज्जैन के दशहरा मैदान पर हुई यह घटना दर्शाती है कि कैसे प्राकृतिक आपदाएं कभी-कभी उत्सवों के माहौल को प्रभावित कर सकती हैं। हालाँकि, उत्सव का आनंद लेने के लिए दर्शकों और आयोजकों ने मिलकर स्थिति को संभाला। सभी ने इस अनुभव से सीख लेकर भविष्य के आयोजनों को और अधिक सुरक्षित और आनंदमय बनाने का संकल्प लिया है।

देखिए तस्वीरें:

दशहरा उत्सव से पहले 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला तेज हवा के कारण गिर गया।

यह घटना शाम करीब सात बजे हुई।

दशहरा उत्सव के दौरान बारिश होने लगी।

आयोजकों ने बारिश के बीच ही आतिशबाजी कर गिरे हुए पुतले का दहन किया।

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