Sand News: उमरिया में रेत उत्खनन करते ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त, ड्राइवर फरार



मध्य प्रदेश: अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई, ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में वन विकास निगम ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। बुधवार…

Sand News: उमरिया में रेत उत्खनन करते ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त, ड्राइवर फरार

मध्य प्रदेश: अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई, ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में वन विकास निगम ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। बुधवार को, चंदिया परियोजना परिक्षेत्र के चंदिया बीट में गश्त के दौरान एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त किया गया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब वनरक्षक सुरेंद्र सिंह को ट्रैक्टर द्वारा रेत खनन करने की सूचना प्राप्त हुई थी।

गश्त के दौरान जब वनरक्षक मौके पर पहुंचे, तो ड्राइवर और मजदूर ट्रैक्टर को छोड़कर भाग गए। इससे स्पष्ट होता है कि अवैध रेत खनन करने वाले लोग अपनी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले में, ट्रैक्टर को रेत भरने के लिए खड़ा किया गया था, जो कि अवैध गतिविधि का एक स्पष्ट संकेत है।

वनरक्षक की सतर्कता और कार्रवाई

वनरक्षक सुरेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर को जब्त कर लिया और उसे उमरिया डिपो में सुरक्षित स्थान पर खड़ा कराया। उन्होंने बताया कि यह ट्रैक्टर रेत भरने के लिए तैयार था और इसी दौरान गश्त पर मौजूद वनरक्षक ने इसे देखा। जब्त किया गया ट्रैक्टर प्रकाश शुक्ला का बताया जा रहा है, और इस मामले में आगे की जांच जारी है।

यह कार्रवाई वन विभाग की सतर्कता और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अवैध रेत उत्खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए, वन विभाग के अधिकारियों का यह प्रयास सराहनीय है।

अवैध रेत उत्खनन का प्रभाव

अवैध रेत उत्खनन ने कई क्षेत्रों में गंभीर समस्याएं उत्पन्न की हैं। इसके कारण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ता है, बल्कि इससे स्थानीय समुदायों की आजीविका पर भी संकट आता है। रेत की कमी के कारण निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है, जो विकास के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

  • अवैध रेत उत्खनन से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।
  • यह स्थानीय जल स्रोतों को प्रभावित करता है।
  • इसे रोकने के लिए सरकारी प्रयासों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

इस प्रकार की कार्रवाइयां यह दर्शाती हैं कि वन विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर है और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। उमरिया जिले में हुई यह कार्रवाई अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक उदाहरण हो सकती है, जहां अवैध रेत उत्खनन की गतिविधियाँ जारी हैं।

भविष्य की योजनाएँ और जागरूकता

वन विकास निगम अब इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाने की सोच रहा है। इस दिशा में, स्थानीय समुदायों को अवैध रेत उत्खनन के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करना भी महत्वपूर्ण है। यदि लोग समझें कि अवैध गतिविधियाँ उनके पर्यावरण और आजीविका पर कैसे असर डालती हैं, तो वे स्वयं इन गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम होंगे।

इस प्रकार, वन विभाग की यह कार्रवाई केवल एक ट्रैक्टर के जब्त होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भलाई के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती है। उम्मीद है कि इस तरह की और भी कार्रवाईयां आगे आएँगी और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद करेंगी।

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