Telekinesis: अदाह शर्मा ने कहा, ‘मैंने वस्तुओं को मन की शक्ती से हिलाते देखा’; विशेषज्ञों की राय



आदाह शर्मा ने टेलीकेनेसिस का अनुभव किया, विशेषज्ञों ने दी राय आदाह शर्मा का टेलीकेनेसिस का दावा हाल ही में, भारतीय अभिनेत्री आदाह शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो…

Telekinesis: अदाह शर्मा ने कहा, ‘मैंने वस्तुओं को मन की शक्ती से हिलाते देखा’; विशेषज्ञों की राय





आदाह शर्मा ने टेलीकेनेसिस का अनुभव किया, विशेषज्ञों ने दी राय


आदाह शर्मा का टेलीकेनेसिस का दावा

हाल ही में, भारतीय अभिनेत्री आदाह शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे टेलीकेनेसिस का अनुभव करते हुए दिखाई दे रही हैं। इस वीडियो में, उन्होंने बिना किसी स्पर्श के वस्तुओं को हिलाते हुए दिखाया। उनके इस दावे ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है, और लोग इस विषय में चर्चा कर रहे हैं। टेलीकेनेसिस, जिसे ‘मन की शक्ति से वस्तुओं को हिलाने’ की कला के रूप में जाना जाता है, एक पुरानी अवधारणा है, जिसे अक्सर विज्ञान-फाई फिल्मों और साहित्य में दर्शाया जाता है।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

हालांकि, अनेक वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि टेलीकेनेसिस का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। डॉ. कपिल खंडेलवाल, एक वरिष्ठ न्यूरोसर्जन, ने इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि हल्की वस्तुओं जैसे कि पेन या स्ट्रॉ को हिलते हुए देखना अक्सर अदृश्य भौतिक बलों जैसे वायु धाराओं, स्थैतिक चार्ज, सांस या शरीर की गर्मी के कारण होता है। उनका कहना है कि मन की शक्ति से वस्तुओं को हिलाने का दावा पूरी तरह से अवैज्ञानिक है।

मानव मस्तिष्क की शक्ति

डॉ. खंडेलवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्तिष्क विद्युत आवेगों पर काम करता है और बहुत ही कमजोर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्रों का उत्पादन करता है, जो ईईजी द्वारा पता लगाए जा सकते हैं। लेकिन यह ऊर्जा इतनी कमजोर होती है कि यह एक बाल को भी हिला नहीं सकती। उन्होंने बताया कि ऐसी दावों का आकर्षण मानव की रहस्यमय शक्तियों के प्रति आकर्षण से उत्पन्न होता है।

टेलीकेनेसिस का आकर्षण

विशेषज्ञों का मानना है कि टेलीकेनेसिस जैसे दावों का आकर्षण मानव मस्तिष्क की अद्भुत क्षमताओं की खोज से जुड़ा हुआ है। हमारे मस्तिष्क की अद्भुत क्षमता है कि वह खुद को पुनर्गठित कर सकता है और चोट लगने के बाद ठीक हो सकता है। यह एक वास्तविक चमत्कार है, जिसे हमें समझने और सराहने की आवश्यकता है।

विज्ञान और मन की शक्ति

कई लोग इन टेलीकेनेसिस के वीडियो को देखने में रुचि रखते हैं, लेकिन डॉ. खंडेलवाल ने दर्शकों को सलाह दी है कि वे इन वीडियो का आनंद लें, लेकिन एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण बनाए रखें। उन्होंने कहा, “इन दावों के पीछे कोई ठोस प्रमाण नहीं है, इसलिए हमें इनसे भ्रमित नहीं होना चाहिए।” इस प्रकार के दावों का मजा लेना चाहिए, लेकिन साथ ही साथ हमें उनके पीछे की वास्तविकता को भी समझना चाहिए।

निष्कर्ष

आदाह शर्मा का टेलीकेनेसिस का दावा निश्चित रूप से दर्शकों के लिए एक दिलचस्प विषय है, लेकिन इसके पीछे की वैज्ञानिक परिकल्पनाओं को समझना भी उतना ही आवश्यक है। मानसिक शक्तियों का विषय हमेशा से मनुष्य के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि विज्ञान की सीमाएं क्या हैं।


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