मध्य प्रदेश समाचार: देवरी तहसीलदार द्वारा किसान को थप्पड़ मारने की घटना
मध्य प्रदेश के सागर जिले की देवरी तहसील में खाद वितरण के दौरान एक विवादास्पद घटना सामने आई है, जिसमें महिला तहसीलदार ने एक किसान को थप्पड़ मार दिया। यह घटना सोमवार को कृषि उपज मंडी में हुई, जब किसानों की भारी भीड़ टोकन लेने के लिए इकट्ठा हुई थी। इस घटना ने न केवल किसानों में आक्रोश पैदा किया, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
टोकन वितरण के समय हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार, देवरी कृषि उपज मंडी में खाद के लिए टोकन बांटने का कार्य चल रहा था। तहसीलदार प्रीतिरानी चौरसिया स्वयं किसानों को टोकन दे रही थीं। इस दौरान भीड़ में धक्का-मुक्की के चलते एक किसान का हाथ तहसीलदार को लग गया, जिससे वे नाराज हो गईं और उन्होंने किसान को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना के बाद मौके पर मौजूद अन्य किसानों में भारी हंगामा शुरू हो गया।
किसानों का हंगामा और प्रशासन की प्रतिक्रिया
तहसीलदार द्वारा किसान को थप्पड़ मारने के बाद वहां उपस्थित अन्य किसान भड़क गए और उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बढ़ते विरोध को देखकर एसडीएम मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत की और उन्हें समझाकर स्थिति को शांत कराया। एसडीएम मुन्नवर खान ने बताया कि हंगामा नहीं कह सकते, लेकिन कुछ लोग लाइन में लगने की कोशिश कर रहे थे। इसके चलते टोकन वितरण में दिक्कत आ रही थी।
किसानों की समस्याएं और उनकी शिकायतें
किसानों ने एसडीएम से अपनी समस्या साझा की। पनारी से खाद लेने आई एक बुजुर्ग महिला सदारानी ने कहा कि वह सुबह से ही लाइन में लगी थीं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा था। इसी तरह, सपना सेन नाम की एक अन्य महिला ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से लाइन में लगी हैं, लेकिन उन्हें भी टोकन नहीं मिला और तहसीलदार टोकन दिए बिना ही मंडी छोड़कर चली गईं।
प्रशासन की सफाई और स्थिति का मूल्यांकन
एसडीएम मुन्नवर खान ने कहा कि यह कहना गलत है कि किसान को थप्पड़ मारा गया। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ किसान बेतरतीब तरीके से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौजूद बैरीकेट्स को तोड़ रहे थे। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए राजस्व और पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया था।
किसानों के प्रति प्रशासन का रवैया
किसानों के हंगामे के बाद प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि सभी किसानों को खाद की उचित मात्रा मिले। एसडीएम ने कहा कि नगर में अन्य विक्रेताओं और लाइसेंसधारियों के पास भी यूरिया और डीएपी की आपूर्ति है, और उन्हें भी वितरण के लिए निर्देशित किया गया है। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली और किसानों के प्रति उनके रवैये पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
निष्कर्ष
देवरी तहसील में हुई यह घटना न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन के कार्यों पर भी संदेह पैदा करती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि प्रशासन और किसानों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करना उचित नहीं है, और उन्हें उचित समय पर खाद और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
देखिए तस्वीरें:
कृषि उपज मंडी में खाद वितरण किया जा रहा था।
किसानों को खाद के लिए टोकन बांटे जा रहे थे।
तहसीलदार प्रीतिरानी चौरसिया खुद किसानों को टोकन दे रही थीं।
धक्का-मुक्की के दौरान एक किसान का हाथ तहसीलदार को लग गया।