“March” MP News: जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन, सात नगरों की 150 महिलाओं ने कदमताल के साथ जगाई राष्ट्रभक्ति की भावना



जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन रविवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति की महाकौशल प्रांत इकाई द्वारा एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया…

“March” MP News: जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन, सात नगरों की 150 महिलाओं ने कदमताल के साथ जगाई राष्ट्रभक्ति की भावना

जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन

रविवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में राष्ट्र सेविका समिति की महाकौशल प्रांत इकाई द्वारा एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विजयनगर विभाग में संपन्न हुआ, जिसमें सात नगरों की लगभग 150 महिलाओं ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समिति के स्थापना दिवस के अवसर पर देशभक्ति की भावना को जागृत करना था।

राष्ट्र सेविका समिति का स्थापना दिवस

राष्ट्र सेविका समिति के लिए विजयादशमी का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन वर्ष 1936 में वंदनीय लक्ष्मीबाई केलकर (मौसीजी) ने वर्धा में इस संगठन की स्थापना की थी। “स्त्री राष्ट्र की आधारशीला है” के ध्येय वाक्य के साथ यह संगठन आज विश्व का सबसे बड़ा महिला संगठन बन चुका है। यह न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य करता है, बल्कि राष्ट्र के सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्यों की रक्षा भी करता है।

संचलन का संचालन और यात्रा का मार्ग

इस पथ संचलन का नेतृत्व महाकौशल प्रांत की कार्यवाहिका सुमेधा पोल ने किया। संचलन का प्रारंभ विजयनगर से हुआ, जो अहिंसा चौक और एकता चौक जैसे प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस अपने आरंभिक स्थल पर समाप्त हुआ। पूरे यात्रा के दौरान महिलाओं का अनुशासन और राष्ट्रप्रेम स्पष्ट रूप से देखने को मिला। सेविकाओं ने घोष वादन के साथ कदमताल करते हुए अपने जज्बे को प्रदर्शित किया।

स्थानीय नागरिकों का समर्थन

संचलन के दौरान नगर के विभिन्न स्थानों पर नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर सेविकाओं का स्वागत किया। इस अवसर पर महिलाओं ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रभक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। यह दृश्य न केवल प्रेरणादायक था, बल्कि यह दिखाता है कि समाज में महिलाओं की भूमिका को कितना मान्यता दी जाती है।

संस्कार और समरसता पर जोर

कार्यक्रम के समापन पर आयोजित बौद्धिक सत्र में सुमेधा पोल ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र सेविका समिति स्त्रीवाद नहीं, बल्कि परिवार निर्माण, मातृत्व कर्तव्य और सशक्त नेतृत्व को पल्लवित करने वाला संगठन है। उन्होंने संस्कारों की रक्षा और सामाजिक समरसता के लिए कार्य करने पर जोर दिया।

महिलाओं का निरंतर योगदान

सुमेधा पोल ने बताया कि सेविकाएं अपनी नित्य और साप्ताहिक शाखाओं के माध्यम से शारीरिक शिक्षा, बौद्धिक विकास और मनोबल बढ़ाने का कार्य लगातार करती रहेंगी। उनका यह प्रयास नारी शक्ति के योगदान को सुनिश्चित करने के लिए है, जिससे राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो सके।

समाज में महिलाओं की भूमिका का महत्व

राष्ट्र सेविका समिति का यह आयोजन न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि यह समाज में उनकी भूमिका को भी पहचानने का एक माध्यम है। आज के दौर में जब समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनकी भूमिकाओं की चर्चा होती है, ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल महिलाओं को प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज को भी जगाते हैं कि महिलाएं देश और समाज की रीढ़ हैं।

निष्कर्ष

जबलपुर में आयोजित यह पथ संचलन एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने न केवल महिलाओं की एकता को दर्शाया, बल्कि समाज में उनकी भूमिका और योगदान को भी उजागर किया। राष्ट्र सेविका समिति का यह प्रयास निश्चित रूप से नारी सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता के लिए एक सकारात्मक कदम है।

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