Innovation: MP में लोगों की जिंदगी बदलते नवाचार, देवास में जॉब पोर्टल, झाबुआ में ‘मोटी आई’, हरदा में जैविक खेती और खंडवा में हरियाली मिशन



मध्य प्रदेश में जमीनी नवाचारों का प्रभाव: चार जिले बने रोल मॉडल भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में इस बार चर्चा का केंद्र आंकड़ों के बजाय जमीनी नवाचार…

Innovation: MP में लोगों की जिंदगी बदलते नवाचार, देवास में जॉब पोर्टल, झाबुआ में ‘मोटी आई’, हरदा में जैविक खेती और खंडवा में हरियाली मिशन

मध्य प्रदेश में जमीनी नवाचारों का प्रभाव: चार जिले बने रोल मॉडल

भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में इस बार चर्चा का केंद्र आंकड़ों के बजाय जमीनी नवाचार रहे। प्रदेश के चार जिलों—देवास, झाबुआ, हरदा और खंडवा—ने ऐसे प्रयोग प्रस्तुत किए, जो न केवल कागजी योजनाओं से आगे बढ़कर वास्तविकता में तब्दील हुए, बल्कि स्थानीय निवासियों की जिंदगी को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। इस कांफ्रेंस में विभिन्न उपायों का उल्लेख किया गया, जैसे युवाओं को रोजगार देने के लिए जॉब पोर्टल का उपयोग, कुपोषण से लड़ने के लिए ‘मोटी आई’ कार्यक्रम, और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण पहल।

इन नवाचारों ने यह साबित किया कि जब प्रशासनिक पहल और स्थानीय जरूरतों का समन्वय होता है, तो सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। आइए जानते हैं कि किस जिले ने कौन से नवाचार किए और कैसे ये प्रदेश के लिए रोल मॉडल बन गए हैं।

इंदौर: 160 पंचायतों में निवेश और रोजगार का सृजन

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह (जो अब उज्जैन के कमिश्नर हैं) ने कांफ्रेंस में बताया कि इंदौर की 160 ग्राम पंचायतों में **90 करोड़ रुपये** का निवेश किया गया है। यहां **308 नवीन उद्योग इकाइयां** स्थापित की गई हैं, जिनमें वेल्डिंग, फेब्रिकेशन, ईंट-पैवर ब्लॉक निर्माण, फर्नीचर निर्माण और रेडिमेड गारमेंट जैसी श्रेणियां शामिल हैं। इस पहल के माध्यम से **2,000 से अधिक** युवाओं को रोजगार मिला है।

हरदा: जैविक खेती का स्मार्ट मॉडल

हरदा जिले ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण लैब और पॉडकास्ट की शुरुआत की है। इस पहल के तहत, ड्रोन का उपयोग करते हुए नैनो यूरिया का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे किसानों की आमदनी में **30 प्रतिशत** की वृद्धि हुई है। जैविक गेहूं पर **1.10 लाख रुपये** और चने पर **93 हजार रुपये** तक का लाभ किसानों को मिल रहा है। इसके अलावा, भू-अभिलेख पोर्टल पर गांवों के डिजिटल नक्शे बनाने से मुआवजा प्रक्रिया में भी तेजी आई है।

देवास: डिजिटल जॉब पोर्टल की सफलता

देवास का डिजिटल जॉब पोर्टल युवाओं को सीधे उद्योगों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक क्लिक में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, आईटीआई, फार्मा और फूड सेक्टर के युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इस पोर्टल में ऑटो रिज़्यूमे, स्मार्ट जॉब मैचिंग और डेटा ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रमुख कंपनियां, जैसे नवीन फ्लोरिन, पेंटागन लैब, और विप्पी इंडस्ट्री, इस पोर्टल से जुड़ चुकी हैं, जो युवाओं के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रही हैं।

झाबुआ: ‘मोटी आई’ आंदोलन से कुपोषण पर काबू

झाबुआ में ‘मोटी आई’ एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है, जिसका मुख्य उद्देश्य कुपोषण से लड़ना है। इस कार्यक्रम के तहत **1,325 महिलाओं** को प्रशिक्षित किया गया है, जिन्होंने **1,950** कुपोषित बच्चों के लिए पारंपरिक मालिश और पोषण संबंधी भोजन की व्यवस्था की। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप, **1,523 बच्चे** सामान्य श्रेणी में लौट आए हैं। इसके अतिरिक्त, सिकल सेल एनीमिया की जांच में झाबुआ ने प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है, जो इस जिले की स्वास्थ्य संबंधी पहलों की सफलता को दर्शाता है।

खंडवा: पर्यावरण संरक्षण का मिशन

खंडवा में पर्यावरण संरक्षण को एक मिशन के रूप में लिया गया है। मियावाकी तकनीक का उपयोग करते हुए **3.5 एकड़** में **22,500 पौधे** लगाए गए हैं, जो पारंपरिक विधि से **10 गुना** तेजी से बढ़ रहे हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत **88 स्कूलों** ने **9,916 पौधे** लगाए हैं। कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अब केवल सरकारी पहल नहीं रह गया, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है।

इन चार जिलों के नवाचारों से यह स्पष्ट होता है कि जब प्रशासनिक सोच और स्थानीय समुदायों की जरूरतों को मिलाया जाता है, तो इसका प्रभाव दूरगामी और सकारात्मक होता है। मध्य प्रदेश के इन मॉडल्स से अन्य जिलों को भी प्रेरणा लेने की आवश्यकता है, ताकि वे भी अपनी चुनौतियों का सामना कर सकें और विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकें।

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