सावन व्रत में साबूदाना का महत्व
सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान उपवास में ऐसे भोजन का चयन करना आवश्यक हो जाता है, जो हल्का, पौष्टिक और जल्दी तैयार हो सके। साबूदाना इन्हीं कारणों से व्रत के भोजन में प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ उपवास के लिए उपयुक्त भी माना जाता है।
साबूदाना के प्रमुख लाभ
- ऊर्जा प्रदाता: उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसे साबूदाना आसानी से पूरा करता है।
- सुपाच्य और हल्का: यह पेट पर भारी नहीं पड़ता और आसानी से पच जाता है।
- विविधता: साबूदाना से कई तरह के व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जो स्वाद में भी अच्छे होते हैं और उपवास के नियमों के अनुसार होते हैं।
सावन व्रत के लिए साबूदाना से बने व्यंजन
- साबूदाना खिचड़ी: मूंगफली, हरी मिर्च, उबले आलू और जीरे के तड़के के साथ तैयार की जाती है। यह स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
- साबूदाना वड़ा: कुरकुरे वड़े दही या हरी चटनी के साथ परोसे जाते हैं। इन्हें बिना फ्राई किए भी तैयार किया जा सकता है[3]।
- साबूदाना थालीपीठ: यह एक प्रकार का पराठा है, जिसे उपवास की सामग्री से बनाया जाता है।
- साबूदाना खीर: दूध, चीनी और केसर के साथ पकाई गई यह खीर उपवास के लिए उपयुक्त मिठाई है।
- साबूदाना टिक्की या रोल्स: यह व्यंजन बच्चों के लिए भी पसंदीदा होते हैं और जल्दी बन जाते हैं।
- साबूदाना चीला: भीगे हुए साबूदाना, मैश किए आलू, मूंगफली, हरी मिर्च और धनिया के साथ तैयार किया जाता है, जो उपवास के लिए अच्छा विकल्प है[2]।
- साबूदाना पूरी: राजगिरा या अमरनाथ आटे, उबले आलू, मूंगफली और सेंधा नमक के साथ तैयार की जाती है, जो स्वाद और ऊर्जा दोनों के लिए उपयुक्त है[1]।
महत्वपूर्ण सुझाव
- साबूदाना को पर्याप्त मात्रा में और उचित समय के लिए भिगोना आवश्यक है, ताकि व्यंजन में चिपचिपाहट न आए।
- व्रत के दौरान सेंधा नमक और मूंगफली का ही प्रयोग करें, सामान्य नमक न डालें।
- तलने या पकाने के लिए घी या मूंगफली के तेल का उपयोग करें, यह व्रत के लिए उपयुक्त होते हैं।