दाल में नींबू मिलाने के स्वास्थ्य लाभ
दाल में नींबू निचोड़ना भारतीय रसोई की एक सामान्य परंपरा है, जो न केवल भोजन के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हैं। बहुत से लोग दाल के साथ नींबू के बिना भोजन को अधूरा मानते हैं। नींबू का खट्टापन दाल के स्वाद को और अधिक आकर्षक बना देता है, साथ ही यह कई पोषण संबंधी लाभ भी प्रदान करता है[1][3]।
मुख्य स्वास्थ्य लाभ
- विटामिन सी की प्रचुरता: नींबू विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है[1][4]।
- आयरन के अवशोषण में सहायक: दालों में पाए जाने वाले आयरन (नॉन-हीम आयरन) को शरीर आसानी से अवशोषित नहीं कर पाता। नींबू में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है[1][2][3]।
- पाचन में सुधार: नींबू का रस पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाता है और गैस व एसिडिटी की समस्या को कम करने में सहायक हो सकता है[1][3]। विशेषज्ञों के अनुसार, नींबू का सेवन दाल जैसी दालों के बाद होने वाली अपच या भारीपन की समस्या को भी कम कर सकता है[3]।
- स्वाद में वृद्धि: नींबू का खट्टा स्वाद दाल के स्वाद को निखारता है और भोजन को और अधिक रुचिकर बनाता है, जिससे विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में दाल के सेवन की प्रवृत्ति बढ़ सकती है[3]।
ध्यान रखने योग्य बातें
- दाल में नींबू डालते समय यह ध्यान रखें कि दाल बहुत अधिक गर्म न हो, क्योंकि अत्यधिक तापमान पर विटामिन सी नष्ट हो सकता है। दाल के हल्का ठंडा होने के बाद ही नींबू डालना उचित रहता है[2]।
- जिन लोगों को अम्लता (एसिडिटी) या पेट संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें नींबू का सेवन सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में इसके सेवन से समस्या बढ़ सकती है[2]।
इस प्रकार, दाल में नींबू मिलाना न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि पोषण और स्वास्थ्य लाभ के लिहाज से भी एक सरल और प्रभावी उपाय है। हालांकि, किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।