‘Improper’ व्यवहार: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CJI गवई पर वस्तु फेंकने वाले व्यक्ति को निलंबित किया

kapil6294
Oct 07, 2025, 12:45 AM IST

सारांश

न्यायपालिका की गरिमा को ठेस: वकील पर लगे निलंबन के आरोप नई दिल्ली में एक अप्रत्याशित घटना में, वकील राकेश किशोर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर वस्तु फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें कानूनी प्रैक्टिस से निलंबित कर दिया है। […]

न्यायपालिका की गरिमा को ठेस: वकील पर लगे निलंबन के आरोप

नई दिल्ली में एक अप्रत्याशित घटना में, वकील राकेश किशोर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर वस्तु फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें कानूनी प्रैक्टिस से निलंबित कर दिया है। यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि यह कानून के प्रति सम्मान का भी उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने इस घटना पर तुरंत और सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करते हुए किशोर के व्यवहार को “अप्रिय और बाधित करने वाला” करार दिया। एसोसिएशन ने कहा कि यह कृत्य न केवल CJI और अन्य न्यायाधीशों का अपमान है, बल्कि यह कानूनी पेशे के लिए आवश्यक शिष्टता और अनुशासन के मूलभूत सिद्धांतों को भी कमजोर करता है।

न्यायपालिका के प्रति समर्थन

SCBA ने अपने प्रस्ताव में CJI गवई और न्यायपालिका के प्रति अपनी एकजुटता को फिर से व्यक्त किया। उन्होंने CJI की संयम और धैर्य की प्रशंसा की, जो उन्होंने इस प्रोत्साहन के बावजूद बनाए रखा। एसोसिएशन ने बार और बेंच के बीच आपसी सम्मान के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसे भारत के न्याय वितरण प्रणाली के दो स्तंभों के रूप में देखा जाता है।

वकील पर लगे प्रतिबंध

इस घटना के परिणामस्वरूप, वकील किशोर को भारत के किसी भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल में पेश होने, कार्य करने या प्रैक्टिस करने से निलंबित कर दिया गया है। SCBA ने यह भी खुलासा किया कि किशोर एसोसिएशन के अस्थायी सदस्य हैं और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। इस तरह के कदम उठाकर, एसोसिएशन यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस तरह के अनुशासनहीन व्यवहार को गंभीरता से लिया जाए।

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कानून और न्याय की गरिमा

यह घटना एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है – क्या कानून की दुनिया में अनुशासन और शिष्टता की आवश्यकता नहीं है? वकीलों की भूमिका केवल कानूनी सहायता प्रदान करने की नहीं है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने की भी है। ऐसे कृत्यों से न केवल व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता है, बल्कि पूरे न्यायिक प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

भविष्य की दिशा

यह घटना एक चेतावनी है कि कानून के प्रति सम्मान और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विनम्रता कितनी महत्वपूर्ण है। SCBA द्वारा उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि वे इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे और न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

कानूनी पेशे में अनुशासन आवश्यक है और इस प्रकार के कृत्य केवल कानून के छात्रों और नए वकीलों को गलत संदेश देते हैं। इस घटना से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में वकील और न्यायाधीश एक-दूसरे के प्रति अधिक सम्मान और समझदारी के साथ पेश आएंगे।

समापन विचार

कानून की दुनिया में इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं, लेकिन यह भी एक अवसर है कि हम अपने पेशेवर आचार विचारों पर पुनर्विचार करें। अनुशासन, सम्मान और गरिमा को बनाए रखते हुए ही हम एक मजबूत और न्यायपूर्ण न्याय प्रणाली की दिशा में बढ़ सकते हैं।


कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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