“Rights: ‘पाकिस्तान, बांग्लादेश के हिंदुओं का इस ज़मीन पर उतना ही हक है जितना मेरा’: अमित शाह”



अमित शाह का बयान: पाकिस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं का भारत में अधिकार अमित शाह का स्पष्ट बयान नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक…

“Rights: ‘पाकिस्तान, बांग्लादेश के हिंदुओं का इस ज़मीन पर उतना ही हक है जितना मेरा’: अमित शाह”



अमित शाह का बयान: पाकिस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं का भारत में अधिकार

अमित शाह का स्पष्ट बयान

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए “पीड़ित” हिंदुओं का भारत की धरती पर उतना ही अधिकार है जितना एक भारतीय नागरिक का होता है। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि ये लोग धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हैं और उन्हें भारत में सुरक्षित आश्रय मिलना चाहिए।

धार्मिक उत्पीड़न का मुद्दा

अमित शाह ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर एकजुट हों। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास इस बात का गवाह है कि देश ने हमेशा धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थान प्रदान किया है। शाह ने यह स्पष्ट किया कि भारत का धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान का है, लेकिन जब बात धार्मिक उत्पीड़न की आती है, तो भारत को अपने पड़ोसियों से आए पीड़ितों के प्रति दयालु होना चाहिए।

संविधान की सुरक्षा

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी बताया कि भारत का संविधान हर नागरिक को समानता का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जो लोग धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देश छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं, उन्हें भारत में शरण मिलनी चाहिए। यह एक मानवता का मुद्दा है, और भारत ने हमेशा मानवता की सेवा की है।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध गहरे हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से हिंदू परिवार, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं, उनके पूर्वज भारतीय थे। ऐसे में यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि उन्हें भारत में एक नई जिंदगी का अवसर दिया जाए।

सरकार के प्रयास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं, ताकि पाकिस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं को भारत में स्थायी निवास मिल सके। सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे कानूनों को लागू किया है, जिससे इन पीड़ितों को अपनी पहचान और अधिकारों की सुरक्षा मिल सके।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे भारत के इस दृष्टिकोण को समझें और धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक चुनौती है, जिसे मिलकर हल करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान न केवल धार्मिक सहिष्णुता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भारत की एकता और अखंडता को भी दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे वे किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि के हों।

अंतिम विचार

अमित शाह के इस बयान से स्पष्ट होता है कि भारत एक ऐसा देश है जो न केवल अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों के प्रति भी अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए तत्पर है। यह भारत की मानवता और सहिष्णुता का एक उदाहरण है, जो विश्व मंच पर उसकी छवि को और मजबूत बनाता है।


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