चैतन्यनंद सरस्वती की गिरफ्तारी: नई जानकारी सामने आई
नई दिल्ली: स्वयंभू बाबा चैतन्यनंद सरस्वती की गिरफ्तारी की जांच में एक नया मोड़ आया है। दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि 62 वर्षीय चैतन्यनंद ने अपने संस्थान की गतिविधियों की निगरानी करते रहे, भले ही वह फरार थे। जांचकर्ताओं के अनुसार, चैतन्यनंद ने अपने फरार रहने के दौरान कम लागत वाले होटलों में ठहराया, जहां सीसीटीवी निगरानी नहीं थी। उन्होंने साधुओं के बीच में रहकर पहचान छिपाने की कोशिश की।
पुलिस के सूत्रों के अनुसार, चैतन्यनंद ने पिछले 40 दिनों में 13 होटलों में ठहरने का स्थान बदला, जिसमें से अधिकतर बुकिंग उनके करीबी शिष्यों द्वारा की गई थी। अब पुलिस इन सहायकों को ढूंढने के लिए जाल को विस्तारित कर रही है, जो उन्हें लॉजिस्टिकल सहायता प्रदान करते थे, जिसमें सुरक्षित आश्रय और विभिन्न राज्यों में आवागमन शामिल है।
चैतन्यनंद की गिरफ्तारी और वित्तीय अनियमितताएं
चैतन्यनंद को रविवार को आगरा में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि उन्हें नकली कूटनीतिक पहचान पत्रों के साथ पकड़ा गया, जिसमें से एक ने उन्हें “संयुक्त राष्ट्र में स्थायी राजदूत” के रूप में दर्शाया था। इसके अलावा, पुलिस ने उनके बैंक खातों में से 8 करोड़ रुपये की राशि अटैच कर दी है, जबकि अगस्त की शुरुआत में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 50 लाख रुपये की निकासी को भी चिह्नित किया गया है।
सोमवार को पूछताछ के दौरान, जांचकर्ताओं ने कहा कि आरोपी बार-बार “नर्वस” महसूस करने की शिकायत करते रहे और उन्होंने अपने तीन जब्त किए गए फोन और एक आईपैड के पासवर्ड भूल जाने का दावा किया। ये सभी उपकरण फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में जांच के लिए भेजे गए हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि चैतन्यनंद की वित्तीय लेनदेन और शैक्षणिक दावों की जांच की जा रही है।
चैतन्यनंद का प्रोफाइल और धोखाधड़ी के आरोप
चैतन्यनंद का प्रोफाइल विभिन्न विदेशी डिग्रियों, मानद डॉक्टरेट और 28 पुस्तकों के लेखक होने का दावा करता है, जिनमें से कई में वैश्विक नेताओं से प्रशंसा का उल्लेख किया गया है। पुलिस अब संदेह कर रही है कि इनमें से कई दावे फर्जी हो सकते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “उनके धोखाधड़ी का जाल सावधानीपूर्वक बुना गया था – नकली पहचान से लेकर बनावटी उपलब्धियों तक। हम अब उनके सहायकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिन्होंने उन्हें गिरफ्तारी से बचने में मदद की।”
जांच का विस्तार और संभावित नए मामले
जांच को और भी विस्तारित करने की उम्मीद है, क्योंकि पुलिस विवादास्पद बाबा से जुड़े नए मामलों की संभावना से इनकार नहीं कर रही है। इनमें यौन उत्पीड़न, वित्तीय धोखाधड़ी या गलत जानकारी देने के मामले शामिल हो सकते हैं। इस मामले में तेजी से कार्यवाही की जा रही है, ताकि चैतन्यनंद के समर्थकों की पहचान की जा सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।
चैतन्यनंद की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से धार्मिक नेताओं के बीच धोखाधड़ी और अनियमितताओं के मामलों को उजागर किया है, जिससे समाज में चिंता बढ़ गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सारांश
चैतन्यनंद सरस्वती की गिरफ्तारी ने कई सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से उनके वित्तीय लेनदेन और शैक्षणिक दावों के संदर्भ में। उनकी गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है और पुलिस ने उनके सहयोगियों को भी खोजने का प्रयास तेज कर दिया है। यह मामला धार्मिक संस्थाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता को एक बार फिर से सामने लाता है।