हरियाणा: 14 वर्षीय बच्चे की संदिग्ध मौत, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
संवाद सहयोगी, डबवाली। हरियाणा के डबवाली में वाल्मीकि चौक के निकट रहने वाले एक 14 वर्षीय बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इस बच्चे को बुखार की समस्या थी और उसके लक्षण डेंगू जैसे प्रतीत हो रहे थे। यह घटना देर रात की बताई जा रही है, जब बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई। स्वजन बताते हैं कि बच्चे का उपचार डबवाली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं आया।
शुक्रवार की सुबह बच्चे को बुखार नहीं था, लेकिन शाम होते-होते उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे तुरंत उपचार के लिए डबवाली से सटे जिले श्री मुक्तसर साहिब के गांव किलियांवाली स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए बठिंडा रेफर किया, जहां बच्चे की प्लेटलेट्स की संख्या मात्र 24,000 रह गई थी, जो सामान्य से काफी कम है। इस गंभीर स्थिति के बावजूद, चिकित्सकों की कोशिशें नाकाम रहीं और बच्चे ने बठिंडा के अस्पताल में दम तोड़ दिया।
बच्चे की मौत पर परिवार और समाज में शोक की लहर
इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। बच्चे के परिवार ने इस संदिग्ध मौत को लेकर कई सवाल उठाए हैं। स्वजनों का कहना है कि यदि समय पर सही इलाज मिलता तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। परिवार का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण ही बच्चा अपनी जान गंवा बैठा। इस दुखद घटना ने इलाके के अन्य परिवारों में भी चिंता पैदा कर दी है, खासकर इस समय जब डेंगू जैसे रोगों का खतरा बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच टीम गठित की है। टीम का उद्देश्य यह पता लगाना है कि बच्चे को किस प्रकार की चिकित्सा सहायता दी गई थी और क्या अस्पतालों में इलाज की प्रक्रिया में कोई खामी रही। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में सभी पहलुओं की जांच करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
डेंगू के मामलों में वृद्धि: स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
हाल के दिनों में हरियाणा में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पर काबू पाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए हैं और साथ ही चिकित्सा सुविधाओं को भी मजबूत किया है। विभाग ने मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाने की भी योजना बनाई है, जिससे डेंगू जैसी बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके।
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को एक बार फिर से सतर्क कर दिया है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। बुखार के साथ-साथ शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को लेकर भी जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता प्राप्त करना आवश्यक है।
क्या कर सकते हैं लोग: सावधानियों और उपायों की जानकारी
संक्रमण से बचने के लिए लोगों को कुछ सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं:
- मच्छरदानी का उपयोग: रात के समय सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें ताकि मच्छरों से बचा जा सके।
- स्वच्छता बनाए रखें: अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ रखें और पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थान है।
- बुखार के लक्षणों की पहचान: बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षणों पर ध्यान दें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- प्लेटलेट्स की जांच: बुखार के साथ प्लेटलेट्स की संख्या की जांच कराना न भूलें।
इस घटना ने समाज में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी पहुंच पर सवाल उठाए हैं। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में काम करें और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें।
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग को अब इस मामले में गंभीरता से काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना हर किसी के लिए एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए।























