हरियाणा में गेहूं के बीज की कमी से किसान परेशान
जागरण संवाददाता, पटौदी। हरियाणा बीज विकास निगम के विक्रय केंद्रों पर पिछले चार दिनों से गेहूं के बीज की किल्लत के चलते किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसान कई बार विक्रय केंद्रों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें यही जानकारी दी जा रही है कि बीज उपलब्ध नहीं है। यह स्थिति तब है, जबकि निगम की प्रसंस्करण इकाई पटौदी में ही स्थित है। ऐसे में किसान बीज के लिए भटकने को क्यों मजबूर हैं, यह एक बड़ा सवाल है।
वर्तमान में गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन बीज की अनुपलब्धता के कारण किसान निजी दुकानों से बीज खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। सरकारी दर ₹1,200 प्रति क्विंटल की तुलना में निजी दुकानों पर यही बीज ₹1,400 प्रति क्विंटल से अधिक में मिल रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस स्थिति ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और वे अपनी मेहनत के फल को बचाने के लिए चिंतित हैं।
बीज की कमी का कारण और समाधान
हरियाणा बीज विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. महाबीर सिंह लखेरा ने बताया कि पटौदी शाखा में तैयार और परीक्षण किया गया बीज बिक चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीज की अगली खेप परीक्षण के लिए करनाल लैब भेज दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही बिक्री फिर से शुरू होगी। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि बीज की कमी के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया है और हिसार तथा टोहाना से जल्द ही नया स्टॉक भेजने का आश्वासन मिला है।
हालांकि, इस बीच हरियाणा बीज विकास निगम कर्मचारी संघ की पटौदी शाखा के अध्यक्ष ने उच्च अधिकारियों की गलत नीतियों को इस समस्या का मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग सामग्री मार्च तक भेजी जानी चाहिए थी, लेकिन यह अगस्त-सितंबर में भेजी गई। इससे संकरित बीज तैयार होने में देरी हुई है।
किसानों की समस्याएं और संघ की चिंताएं
किसानों की समस्याओं को लेकर संघ ने बार-बार अधिकारियों को चेतावनी दी है, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। संघ के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि हिसार और टोहाना से बीज लाने के लिए परिवहन अनुबंध अभी तक जारी नहीं किया गया है। ऐसे में, किसानों को बीज के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। इस बीच, निगम ने अपने बिक्री केंद्र पर बीज स्टॉक में न होने का नोटिस चस्पा कर दिया है, जिससे किसानों को और अधिक असुविधा हो रही है।
किसानों के लिए आगे की राह
इस कठिन समय में किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने विकल्पों पर ध्यान दें। निजी दुकानों से बीज खरीदने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि समूह में खरीदारी करना या फिर अन्य किसानों से सहयोग लेना। इसके अलावा, स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क कर भी वे बीज की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- किसानों को चाहिए कि वे बीज की प्राथमिकता और आवश्यकता के अनुसार पहले से योजना बनाएं।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए समय पर आवेदन करें।
- किसान संघों के माध्यम से अपनी समस्याओं को उजागर करें और समाधान की मांग करें।
हरियाणा के किसानों को इस समय संयम बनाए रखने की आवश्यकता है। बीज की कमी एक अस्थायी समस्या है, जिसे उच्च अधिकारियों के सहयोग से जल्द ही सुलझाया जा सकता है। किसानों की मेहनत और धैर्य के परिणामस्वरूप उन्हें अपनी फसल के लिए आवश्यक बीज मिल जाएगा।
इस बीच, यह भी जरूरी है कि सरकारी निकाय इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सक्रियता दिखाएं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े। किसानों की भलाई के लिए यह आवश्यक है कि समय पर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि कृषि उत्पादन में कमी न आए और किसान अपने जीवन स्तर को बनाए रख सकें।






















