भारत का राष्ट्रीय पक्षी: भारत का मोर सिर्फ एक पक्षी नहीं है, बल्कि यह देश की सुंदरता, संस्कृति और आत्मा का प्रतीक है। यह भारत की समृद्ध विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करता है। इसके पंखों की शोभा इतनी अद्भुत है कि मोर को दुनिया के सबसे सुंदर पक्षियों में से एक माना जाता है।
भारतीय मोर (Pavo Cristatus) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इसकी अद्वितीय सुंदरता और भारतीय संस्कृति के साथ निकटता के कारण इसे 1963 में राष्ट्रीय पक्षी के रूप में चुना गया। मोर अपने चमकीले नीले और हरे पंखों के लिए जाना जाता है।
भारत का राष्ट्रीय पक्षी क्या है?
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, जिसे इसके व्यापक वितरण और सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व के कारण चुना गया। मोर सुंदरता, पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, इसे भगवान कृष्ण और देवी सरस्वती से जोड़ा गया है। इसके पंखों मेंGrace और गर्व की झलक होती है, जो इसे भारत की प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक बनाती है। यह माना जाता है कि मोर का बारिश में नृत्य खुशी और जीवन का उत्सव है। इसके अलावा, मोर अपने पंखों को दिखाने के तरीके से भी बहुत आकर्षक और गर्वित होता है।
भारत में मोर कहाँ पाए जाते हैं?
मोर भारत के कई हिस्सों में पाए जाते हैं, जैसे जंगलों, गांवों और यहां तक कि शहरी बागों में भी।
Also Read: PGD Company: IIMC Dhenkanal में संचार और मॉडल प्रबंधन का नया कार्यक्रम
राज्य |
स्थान |
संख्या/अनुमान |
गणना/अनुमान का वर्ष |
तेलंगाना |
हैदराबाद, KBR राष्ट्रीय उद्यान |
565 |
नवंबर 2024 |
गुजरात |
GNFC टाउनशिप |
222 |
जून 2024 |
ओडिशा |
पाकिडी पहाड़, गंजाम जिला |
लगभग 2000 |
जून 2021 |
राजस्थान |
राज्यव्यापी और पश्चिमी क्षेत्र |
14,405 और लगभग 343,869 |
2019 और लगभग 2018 |
तमिलनाडु |
राज्यव्यापी |
3.8 – 6.1 मिलियन (अनुमान) |
पूर्व-हाल का समय |
तेलंगाना (हैदराबाद, KBR राष्ट्रीय उद्यान): नवंबर 2024 में किए गए जनगणना में 565 मोर दर्ज किए गए।
गुजरात (GNFC टाउनशिप): जून 2024 में एक कार्यक्रम के दौरान 222 मोर की गणना की गई।
ओडिशा (पाकिडी पहाड़, गंजाम जिला): जून 2021 में सामुदायिक संरक्षण प्रयासों के कारण लगभग 2000 मोरों का अनुमान लगाया गया।
राजस्थान: 2019 में राज्यव्यापी जनगणना में 14,405 मोर दर्ज किए गए। पश्चिमी राजस्थान में 2018 में एक सर्वेक्षण में लगभग 343,869 की संख्या का अनुमान लगाया गया। अधिक हालिया संख्या उपलब्ध नहीं है।
तमिलनाडु: एक पूर्ण जनसंख्या अनुमान (पूर्व-हाल का समय) में राज्य में 3.8 मिलियन से 6.1 मिलियन मोरों का अनुमान लगाया गया है। हाल के समय में, पिछले 20 वर्षों में मोरों की संख्या में वृद्धि की सूचना मिली है।
मोर के बारे में मजेदार तथ्य:
- पंखों की शोभा: नर मोर अपने सुंदर पंखों को फैलाकर 6 फीट चौड़ी शोभा में प्रदर्शित करता है (पैवोनाज) ताकि मेट को आकर्षित कर सके। मोर के पंखों में आकर्षक आंखों जैसे पैटर्न होते हैं।
- बारिश का नृत्य: मोर बारिश से पहले नृत्य करने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने पंख फैलाते हैं और बारिश में नृत्य करते हैं, जिसे आम तौर पर अच्छे भाग्य का संकेत माना जाता है।
- जीवनकाल: मोर जंगली में लगभग 20 साल जीते हैं। यह दर्शाता है कि यह प्रजाति अपने प्राकृतिक आवास में कैसे फैल गई है।
- आहार की चुनौतियाँ: मोर अनाज, कीड़े और छोटे जीवों का सेवन करते हैं, जो पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- संरक्षित प्रजाति: मोर भारत में भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजाति हैं। यह सुनिश्चित करता है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए इनकी सुरक्षा बनी रहे।