Teacher की कमी: कोंडागांव के पखनाबेड़ा स्कूल में बच्चे खुद प्रार्थना कर छुट्टी की घंटी बजाकर लौटते हैं



कोंडागांव जिले की प्राथमिक शाला में शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की सुरक्षा पर खतरा कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायत करमरी की प्राथमिक शाला में शिक्षक कभी उपस्थित नहीं रहते…

Teacher की कमी: कोंडागांव के पखनाबेड़ा स्कूल में बच्चे खुद प्रार्थना कर छुट्टी की घंटी बजाकर लौटते हैं

कोंडागांव जिले की प्राथमिक शाला में शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की सुरक्षा पर खतरा

कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायत करमरी की प्राथमिक शाला में शिक्षक कभी उपस्थित नहीं रहते हैं। यहाँ की स्थिति इतनी गंभीर है कि बच्चे स्कूल आते हैं, खुद से प्रार्थना करते हैं और फिर बैग उठाकर घर लौट जाते हैं। यह न केवल शिक्षा का मजाक है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है।

स्कूल की स्थिति और बच्चों की समस्याएँ

यह विवादित स्कूल ग्राम पखनाबेड़ा में स्थित है, जहाँ हाल ही में 10 अक्टूबर को एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में बच्चे पिछले कई दिनों से बिना किसी शिक्षिका या शिक्षक के स्कूल छोड़कर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कई बार तो बच्चे खुद ही छुट्टी की घंटी बजाकर घर लौट जाते हैं। यह दृश्य न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के प्रति एक बड़ा प्रश्न भी खड़ा करता है।

बच्चे बैग उठाए और घर चल दिए।

टीचरों की उपस्थिति और बच्चों की सुरक्षा

जानकारी के अनुसार, इस स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति अनियमित है। वे अक्सर स्कूल नहीं आते या फिर दोपहर 3 बजे से पहले ही चले जाते हैं। इससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। शिक्षकों की अनुपस्थिति में बच्चों के बीच झगड़े भी आम हो गए हैं। हाल ही में वायरल हुए वीडियो में बच्चे बिना शिक्षकों के प्रार्थना करते हुए और स्कूल बंद करके घर लौटते हुए दिखाई दे रहे हैं।

ग्रामीणों की नाराजगी और मांगें

गांव के अभिभावकों और ग्रामीणों में इस स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है। उन्होंने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शिक्षक व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई, तो वे स्कूल के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। यह स्थिति न केवल बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता को भी दर्शाती है।

बीईओ की प्रतिक्रिया और जांच की प्रक्रिया

बीईओ सुखराम देवांगन और बीआरसी ताहिर खान ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिलते ही वे स्कूल पहुंचे हैं। उन्होंने पुष्टि की है कि प्राथमिक शाला में 11 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और दो शिक्षक पदस्थ हैं, जिनकी अनुपस्थिति की शिकायतें मिली हैं। अधिकारियों ने ग्रामीणों और पालकों से बात की है और कहा है कि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा व्यवस्था की ओर ध्यान देने की आवश्यकता

यह घटना कोंडागांव जिले के शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। जब बच्चे शिक्षा के मंदिर में जा रहे हैं, तब उन्हें वहां पर शिक्षकों का न होना उनके भविष्य को अंधकार में डालने के समान है। शिक्षकों की जिम्मेदारी केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें बच्चों की सुरक्षा और उनकी समग्र विकास का भी ध्यान रखना चाहिए।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। यह न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

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