Solar योजना: छत्तीसगढ़ में 3964 ने किया आवेदन, सिर्फ 1250 ने लगाए पैनल



प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: रायपुर में सोलर पैनल लगाने की धीमी रफ्तार राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी चल रही है। योजना…

Solar योजना: छत्तीसगढ़ में 3964 ने किया आवेदन, सिर्फ 1250 ने लगाए पैनल

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: रायपुर में सोलर पैनल लगाने की धीमी रफ्तार

राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी चल रही है। योजना की शुरुआत से अब तक, रायपुर शहर के सिटी सर्किल-1 में 3964 लोगों ने सोलर सिस्टम लगाने के लिए आवेदन किया है। हालांकि, इनमें से केवल 1250 लोगों के घरों में ही सोलर पैनल स्थापित किए जा सके हैं। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार को इस दिशा में और भी कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

राज्य में बिजली हाफ योजना के दायरे को सीमित किए जाने के बाद, अब लोगों के पास सोलर पैनल लगाने का एकमात्र विकल्प बचा है। बिजली के बिलों का भारी बोझ सोलर पैनल लगाने से कुछ हद तक कम हो सकता है। इस योजना को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में, केंद्र के अधिकारियों ने रायपुर में योजना के क्रियान्वयन को लेकर बैठकें आयोजित की थीं। रायपुर कलेक्टर ने भी अधिकारियों की बैठक लेकर योजना के तहत लोगों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।

बिजली कंपनी द्वारा शिविरों का आयोजन

बिजली कंपनी ने योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शिविरों का आयोजन किया है। इन शिविरों के माध्यम से लोगों को योजना की जानकारी दी जा रही है, जिससे आवेदनों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 4 अगस्त को राज्य सरकार ने 30 हजार रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की, जिसके बाद रायपुर सिटी सर्किट में आवेदनों की संख्या 400 से बढ़कर 3964 तक पहुंच गई है। इनमें से 3925 लोग योजना का लाभ लेने के लिए पात्र पाए गए हैं।

सबसिडी का वितरण प्रक्रिया और उसके प्रभाव

केंद्र सरकार की इस योजना के चार मुख्य अंग हैं: सोलर पैनल लगाने वाला उपभोक्ता, पैनल लगाने वाला वेंडर, लोन देने वाला बैंक, और योजना का प्रचार एवं सुरक्षा जांच करने वाली बिजली कंपनी। योजना के तहत, 3 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने का कुल खर्च लगभग 1.80 लाख रुपये आता है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 1.08 लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है, जो उपभोक्ता के खाते में बाद में आती है। इस कारण, ज्यादातर लोग बैंकों से लोन लेकर सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं।

हालांकि, आवेदन करने और वेंडर का चयन करने के बाद जब लोग लोन के लिए बैंक पहुंचते हैं, तो उन्हें प्रक्रिया की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। बैंक सामान्य लोन की तरह औपचारिकताओं और गारंटी की मांग करते हैं। यदि ये औपचारिकताएं पूरी नहीं की जाती हैं, तो आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है।

सुरक्षा जांच की महत्वता

सोलर पैनल लगाने की पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा जांच बेहद महत्वपूर्ण होती है। उपभोक्ता द्वारा वेंडर का चयन करने के बाद, पैनल घर की छत पर स्थापित किया जाता है। उपभोक्ता अपने पसंद के सामान को गुणवत्ता और कंपनी के आधार पर चुनता है। इसके बाद, बिजली कंपनी के इंजीनियर मौके पर जाकर सिस्टम की सुरक्षा जांच करते हैं। यदि किसी भी प्रकार की खामियां पाई जाती हैं, तो संबंधित वेंडर को सुधार के निर्देश दिए जाते हैं। केवल तभी, जब बिजली कंपनी के अधिकारी पूरी तरह संतुष्ट होते हैं, तब सिस्टम को सक्रिय किया जाता है।

आगे की चुनौतियां और समाधान

योजना के तहत सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया में कई चुनौतियां हैं। सरकार को चाहिए कि वह लोगों को इस योजना के प्रति और भी जागरूक करे और आसान प्रक्रिया प्रदान करे। इसके अलावा, बैंक लोन की प्रक्रिया को सरल बनाना भी आवश्यक है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।

सोलर पैनल लगाने से न केवल उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी सकारात्मक होगा। इस दिशा में सरकार और बिजली कंपनियों को मिलकर काम करना होगा, ताकि रायपुर में सोलर पैनल लगाने की रफ्तार तेज हो सके और लोग इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।

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