दुर्ग एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की बड़ी कार्रवाई: 201 गुम मोबाइल बरामद
दुर्ग एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (ACCU) ने हाल ही में **201 गुम मोबाइल** बरामद करने में सफलता हासिल की है। इन मोबाइलों की कुल **अनुमानित कीमत लगभग 41 लाख रुपए** है। जब इन मोबाइलों को उनके असली मालिकों को सौंपा गया, तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। यह कार्रवाई ACCU की सतर्कता और तकनीकी क्षमताओं का प्रमाण है।
गुम मोबाइलों की शिकायतों पर कार्रवाई
जिले के विभिन्न थानों में लगातार मोबाइल गुमने की शिकायतें दर्ज हो रही थीं। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) **विजय अग्रवाल** ने सभी थानों और ACCU टीम को निर्देश दिए कि वे गुम मोबाइलों का पता लगाकर उन्हें प्रार्थियों को लौटाएं। SSP के निर्देशों का पालन करते हुए, ACCU ने **दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा और रायपुर** क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि अधिक से अधिक गुम मोबाइलों को बरामद किया जा सके।
तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से बरामदगी
ACCU टीम ने तकनीकी विश्लेषण और ट्रैकिंग के माध्यम से विभिन्न कंपनियों के **201 मोबाइल** बरामद किए। टीम के अनुसार, ये सभी मोबाइल **वर्ष 2024-25** के दौरान दर्ज गुम मोबाइल रिपोर्टों से संबंधित थे। सभी मोबाइल की पहचान और सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर उन्हें उनके मालिकों को लौटाया गया। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की कार्यक्षमता को दर्शाती है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि पुलिस उनकी सुरक्षा में हमेशा तत्पर है।
मोबाइल की सूची सोशल मीडिया पर साझा की जाएगी
पुलिस ने जानकारी दी है कि बरामद मोबाइलों की सूची उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स- **फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर)** पर भी अपलोड की जाएगी। इस सूची में प्रत्येक मोबाइल का **IMEI नंबर** शामिल होगा, जिससे अन्य धारक अपने मोबाइल का मिलान कर सकें। यह कदम उन लोगों के लिए मददगार साबित होगा जिनका मोबाइल गुम हुआ है।
मोबाइल धारकों के लिए अपील
मोबाइल धारकों से अपील की गई है कि वे सूची में अपने मोबाइल का IMEI नंबर देखने के बाद एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट कार्यालय, **सेक्टर-3, दुर्ग** पहुंचकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना मोबाइल प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक लोग अपने खोए हुए मोबाइल को आसानी से प्राप्त कर सकें।
किस प्रकार की तकनीक का उपयोग किया गया?
ACCU ने मोबाइलों की बरामदगी के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। टीम ने विभिन्न मोबाइल कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित किया और गुम मोबाइलों की पहचान के लिए **डेटाबेस** का सहारा लिया। इसके अलावा, GPS ट्रैकिंग और अन्य तकनीकी उपायों का सहारा लेकर मोबाइलों की लोकेशन ट्रेस की गई। इस प्रकार की तकनीकी कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन कितनी सजगता से काम कर रहा है।
भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम
इस प्रकार की सफलताओं के बाद, दुर्ग पुलिस ने यह आश्वासन दिया है कि वे भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए और भी सख्त कदम उठाएंगे। इसके लिए जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा ताकि लोग अपने मोबाइल की सुरक्षा को लेकर सचेत रहें। पुलिस का मानना है कि यदि आम जनता भी सतर्क रहे, तो गुम मोबाइलों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
इस प्रकार की कार्रवाई न केवल गुम मोबाइलों की बरामदगी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैलाती है कि पुलिस हमेशा जनता की सेवा में तत्पर है।