Rescue: बांधवगढ़ में दो बाघ शावकों का रेस्क्यू, गिरे पेड़ की खोह में मिले, सुरक्षित स्थान पर रखे गए



बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ शावकों का सफल रेस्क्यू मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ प्रेमियों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। प्रबंधन ने हाल ही…

Rescue: बांधवगढ़ में दो बाघ शावकों का रेस्क्यू, गिरे पेड़ की खोह में मिले, सुरक्षित स्थान पर रखे गए

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ शावकों का सफल रेस्क्यू

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ प्रेमियों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। प्रबंधन ने हाल ही में लगभग पांच माह के दो बाघ शावकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों शावक स्वस्थ हैं और उनकी देखभाल की जा रही है।

बाघ शावकों का यह रेस्क्यू उस समय शुरू हुआ जब 3 अक्टूबर को एक बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। इस घटना के बाद पनपथा बफर और खितौली कोर क्षेत्र में गश्त टीम ने जंगल में तलाशी अभियान चालू किया। इस सर्चिंग के दौरान ही शावकों को सुरक्षित करने का निर्णय लिया गया।

बाघ शावकों की खोज और रेस्क्यू प्रक्रिया

तलाशी के दौरान, पनपथा बफर के सलखनियां बीट के कक्ष क्रमांक पी एफ 610 में एक बाघ शावक को देखा गया, जो गिरे हुए पेड़ की खोह में घुसा हुआ था। गश्त टीम ने तुरंत इस बारे में अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद मौके पर निगरानी शुरू की गई। जब बाघिन या अन्य बाघ मौके पर नहीं आए, तो शावकों को रेस्क्यू करने का निर्णय लिया गया।

जब पार्क की टीम मौके पर पहुंची, तब वहां उन्हें दो बाघ शावक मिले। रेस्क्यू प्रक्रिया में डॉक्टरों की टीम, एसडीओ, रेंजर और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों समेत 50 से अधिक सदस्यों की रेस्क्यू टीम ने शावकों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद सफल रहा और दोनों शावकों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

बाघ शावकों की स्वास्थ्य जांच और देखभाल

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने जानकारी दी कि दोनों शावकों की गहन निगरानी की जा रही है। डॉक्टरों की टीम उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखकर उनके व्यवहार पर ध्यान दे रही है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि दोनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन ने बाघों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

बाघों के संरक्षण में स्थानीय समुदाय की भूमिका

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा केवल वन्यजीव प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें स्थानीय समुदाय की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। स्थानीय लोग अक्सर जंगलों में रहने वाले जानवरों की सुरक्षा में मदद करते हैं और उनकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। इस तरह की सामुदायिक भागीदारी बाघों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि हो सके।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का महत्व

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है, जो बाघों के लिए एक सुरक्षित निवास स्थान प्रदान करता है। यह रिजर्व न केवल बाघों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्य वन्य जीवों और वनस्पतियों की भी विविधता को समेटे हुए है। यहां की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाना और समुदाय को शामिल करना इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण जरूरत है। रेस्क्यू की इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि जब सभी मिलकर काम करते हैं, तो वन्यजीवों की सुरक्षा संभव है।

इस घटना के माध्यम से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने एक सकारात्मक संदेश दिया है कि जंगल में रहने वाले जीवों के संरक्षण के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। यह न केवल बाघों के लिए, बल्कि सभी वन्य प्राणियों के लिए आवश्यक है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ शावकों का यह सफल रेस्क्यू निश्चित रूप से बाघ प्रेमियों और वन्यजीव संरक्षण के प्रति समर्पित लोगों के लिए एक उत्साहजनक कदम है।

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