राजस्थान: बच्चों से भरी बस पलटी, कई घायल
चौथ का बरवाड़ा के ईसरदा शिवाड रोड पर बुधवार सुबह एक **दुर्घटना** घटित हुई, जब बच्चों से भरी एक निजी बस पलट गई। इस दुर्घटना में कई बच्चों को चोटें आई हैं। इनमें से एक बालक, **अमन यादव**, की चोट गंभीर होने के कारण उसे **टोंक** के लिए रेफर किया गया है। इस हादसे का मुख्य कारण सड़क पर **अनियंत्रित** होना बताया जा रहा है।
बस की अनियंत्रितता का कारण
पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह बस सीतारामपुर से लगभग **50 बच्चों** को लेकर शिवाड़ के एक निजी विद्यालय की ओर जा रही थी। सुबह करीब **8:30 बजे** जब बस के आगे एक वाहन आ गया, तो बस अनियंत्रित हो गई और सड़क के किनारे गड्ढे में चली गई। इस घटना ने वहां मौजूद लोगों में चीख-पुकार मचा दी। गंभीर रूप से घायल बच्चों को **शिवाड़ CHC** में भर्ती कराया गया। इनमें से **खुशीराम यादव**, **श्रवण यादव**, और **शिवानी मीणा** को अधिक चोटें आईं, जबकि अन्य बच्चों को हल्की चोटें आईं और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
ग्रामीणों की नाराजगी और विरोध प्रदर्शन
इस दुर्घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में अत्यधिक नाराजगी देखने को मिली। उनका कहना है कि सड़क के किनारे बड़ी संख्या में **ट्रक** खड़े रहने के कारण ऐसे हादसे अक्सर होते हैं। ग्रामीणों ने **बजरी के ट्रकों** को बंद करने की मांग को लेकर सड़क पर **जाम** लगाया। इसके अलावा, कुछ ट्रकों की हवा भी निकाल दी गई, जिससे ट्रक चालक और पुलिस अधिकारियों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया।
पुलिस का प्रयास और स्थानीय प्रशासन की भूमिका
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। उनकी कोशिश थी कि ग्रामीणों की नाराजगी को शांत किया जा सके और स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है और जल्द ही सड़क पर ट्रकों की संख्या को कम करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।
दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुझाव
स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़क पर ट्रकों की संख्या को कम करने के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सड़क के किनारे उचित **सुरक्षा उपाय** और संकेतक लगाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। यदि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाता है, तो निश्चित ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं में कमी आएगी।
निष्कर्ष
इस घटना ने न केवल बच्चों के जीवन को प्रभावित किया, बल्कि पूरे गांव में एक चिंता का विषय बना दिया है। ग्रामीणों की मांग को सुनने और उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि सड़क पर चलने वाले बच्चों और अन्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।