“Protest: भारतीय किसान संघ ने छग सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 13 अक्टूबर को CM निवास का करेंगे घेराव, कांग्रेस ने विरोध को दिया समर्थन”



किसानों का आंदोलन: छत्तीसगढ़ में भारतीय किसान संघ ने खोला मोर्चा छत्तीसगढ़ में भारतीय किसान संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस संघ की छत्तीसगढ़ इकाई…

“Protest: भारतीय किसान संघ ने छग सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 13 अक्टूबर को CM निवास का करेंगे घेराव, कांग्रेस ने विरोध को दिया समर्थन”

किसानों का आंदोलन: छत्तीसगढ़ में भारतीय किसान संघ ने खोला मोर्चा

छत्तीसगढ़ में भारतीय किसान संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस संघ की छत्तीसगढ़ इकाई ने 13 अक्टूबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का ऐलान किया है। संघ के नेताओं का कहना है कि किसानों के मुद्दों को लेकर जो वादे किए गए थे, वे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उजागर करना और सरकार से तत्काल समाधान की मांग करना है।

भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधो सिंह ने स्पष्ट किया कि, “सरकार की नीतियां अब केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं।” उन्होंने बताया कि किसानों को राहत देने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनमें हाफ बिजली बिल योजना को लागू करना, कृषि पंपों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना, और पिछली सरकार की न्याय योजना का बकाया चौथा किस्त दीपावली से पहले जारी करना शामिल है। इसके साथ ही धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए के साथ 186 रुपए बोनस देने की मांग भी की गई है।

किसानों की प्रमुख मांगें

किसान संघ ने कई अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा है। इनमें शामिल हैं:

  • कृषि उन्नति योजना में गन्ना फसल को शामिल करना
  • खाद की कालाबाजारी को रोकना
  • सहकारी समितियों में खाद का भंडारण सुनिश्चित करना

किसान संघ का कहना है कि इन मांगों को अनदेखा करने से किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। महासंघ के पदाधिकारियों का मानना है कि यदि सरकार जल्दी कार्रवाई नहीं करती है, तो किसान अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होंगे। इस आंदोलन की तैयारी में किसान संघ ने व्यापक तौर पर बैठकें भी की हैं, जिसमें किसानों के मुद्दों पर चर्चा की गई है।

कांग्रेस का समर्थन

इस आंदोलन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि, “हम भारतीय किसान संघ के इस विरोध का समर्थन करते हैं।” कांग्रेस का मानना है कि प्रदेशभर के किसान परेशान हैं। न केवल धान की खरीदी में देरी हो रही है, बल्कि बिजली बिल में भी किसानों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वर्तमान सरकार की नीतियों ने किसानों को संकट में डाल दिया है। समय पर धान की खरीदी न होने के कारण कई किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसी कारण से कांग्रेस ने किसान संघ के आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है, ताकि किसान अपनी समस्याओं को सरकार के समक्ष रख सकें।

सरकार की प्रतिक्रिया

वहीं, सरकार ने किसान संघ के इस आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दी है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि वे किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा तत्पर हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर है।

हालांकि, किसान संघ के नेता इस बात से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि पहले भी ऐसे आश्वासन दिए गए थे, लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे किसानों का विश्वास सरकार से उठता जा रहा है।

आंदोलन का महत्व

छत्तीसगढ़ में किसानों का यह आंदोलन केवल स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं है। यह पूरे देश में किसानों की समस्याओं को उजागर करता है। कृषि से जुड़े मुद्दे, जैसे समर्थन मूल्य, बिजली आपूर्ति, और खाद की उपलब्धता, सभी जगह किसानों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। ऐसे में किसान संघ का यह आंदोलन अन्य राज्यों के किसानों को भी प्रेरित कर सकता है कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।

किसान संघ का यह आंदोलन न केवल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्य राज्यों के किसानों के लिए भी एक उदाहरण पेश कर सकता है। अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो आने वाले समय में और भी बड़े आंदोलन देखने को मिल सकते हैं।

इस तरह, छत्तीसगढ़ में भारतीय किसान संघ का यह आंदोलन केवल एक स्थानीय घटना नहीं है, बल्कि यह भारत में किसानों की स्थिति और उनकी आवाज को उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में

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