बलरामपुर जिले में छात्रा की मौत: स्कूल प्रबंधन पर आरोप
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में एक दुखद घटना घटी है, जहां सातवीं कक्षा की एक छात्रा की मौत हो गई। यह घटना 11 अक्टूबर को हुई, जब छात्रा को गंभीर स्थिति में बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाया जा रहा था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश की लहर फैला दी है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, छात्रा की मौत का कारण पीलिया बताया जा रहा है। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्कूल में दूषित पानी पीने के कारण एक महीने पहले पीलिया फैल गया था, लेकिन प्रबंधन ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। इसके चलते उनकी बेटी भी पीलिया से संक्रमित हो गई थी।
दूषित पानी के कारण फैला पीलिया
स्कूल में लगभग 500 छात्र पढ़ते हैं और पिछले महीने पीलिया के कई मामले सामने आए थे। इस दौरान दर्जनों छात्र संक्रमित हुए थे। प्रशासन ने उस समय सफाई अभियान चलाया और मेडिकल जांच भी कराई थी, लेकिन उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। यही कारण है कि अब एक छात्रा की मौत ने पुनः प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
हाल ही में हुई छात्रा की मौत के बाद, परिजनों ने कहा कि न तो जल स्रोत बदले गए और न ही छात्रों की नियमित स्वास्थ्य जांच का कोई ठोस प्रबंध किया गया। मृत छात्रा की छोटी बहन भी पीलिया से बीमार थी, लेकिन उसकी स्थिति अब सुधार रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच
जिला शिक्षा अधिकारी मनी राम यादव ने इस मामले पर कहा कि छात्रा 27 सितंबर से स्कूल नहीं आई थी और यह दुखद घटना 10 अक्टूबर को घटी। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है और उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उनके अनुसार, इस मामले में जो भी लापरवाही होगी, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय नागरिकों की चिंता
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि समय पर सख्त कदम उठाए जाते, तो इस तरह की दुखद घटना से बचा जा सकता था। अब स्कूल परिसर में मातम और भय का माहौल व्याप्त है। छात्रा की मौत ने न केवल उसके परिवार को बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर दिया है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या स्कूल प्रबंधन और प्रशासन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम हैं? पीलिया जैसे गंभीर रोग का फैलाव और एक छात्रा की मौत ने यह साबित कर दिया है कि स्कूलों में स्वास्थ्य की देखरेख और जल गुणवत्ता की निगरानी की सख्त आवश्यकता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या उपाय करता है।