Mobile News: नक्सलियों ने पश्चिमी सिंहभूम में मोबाइल टावर जलाया, सेवा ठप



झारखंड के छोटानागरा में नक्सलियों ने किया हमला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा थाना क्षेत्र स्थित बहदा गांव में सोमवार की रात नक्सलियों ने आतंक का माहौल बना…

Mobile News: नक्सलियों ने पश्चिमी सिंहभूम में मोबाइल टावर जलाया, सेवा ठप

झारखंड के छोटानागरा में नक्सलियों ने किया हमला

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा थाना क्षेत्र स्थित बहदा गांव में सोमवार की रात नक्सलियों ने आतंक का माहौल बना दिया। भाकपा (माओवादी) के करीब एक दर्जन हथियारबंद नक्सली 13 और 14 अक्टूबर की दरमियानी रात गांव में घुस आए और वहां के मोबाइल टावर को आग के हवाले कर दिया। इस हमले से गांव के लोग भयभीत हो गए हैं।

ग्रामीणों के अनुसार, नक्सलियों ने पहले लोगों को अपने घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी और इसके बाद टावर परिसर में रखे पैनल और बैटरी उपकरणों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में पूरा टावर धधक उठा। रात करीब एक बजे तक धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं, जिससे पूरा गांव दहशत में आ गया।

नक्सलियों का प्रतिशोध सप्ताह का ऐलान

इस घटना के बाद नक्सलियों ने कई पोस्टर और पर्चे छोड़े हैं, जिनमें उन्होंने अपने मारे गए साथियों का बदला लेने की धमकी दी है। इन पोस्टरों में “ऑपरेशन कगार” के विरोध में 8 से 14 अक्टूबर तक ‘प्रतिशोध सप्ताह’ मनाने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 15 अक्टूबर को झारखंड, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है।

नक्सलियों का यह संदेश सुनकर आसपास के इलाकों में भय का वातावरण बन गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस आत्मविश्वास के साथ नक्सली डेढ़ घंटे तक गांव में रहे, उससे यह स्पष्ट है कि वे पुलिस से बिल्कुल नहीं डरते। उनके इस दुस्साहस ने ग्रामीणों में चिंता और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।

मोबाइल नेटवर्क और जरूरी सेवाएं ठप

नक्सलियों द्वारा मोबाइल टावर जलाने से बहदा और आसपास के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल कॉल, यूपीआई भुगतान, बैंकिंग कार्य और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जैसी आवश्यक सेवाएं बाधित हो गई हैं।

ग्रामीणों ने कहा कि इस संकट के समय में उन्हें एक-दूसरे से संपर्क करने में कठिनाई हो रही है। परिवारों के बीच सूचना का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा है, जिससे वे और अधिक चिंतित हैं।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, ग्रामीणों में दहशत

यह घटना छोटानागरा थाना और सुरक्षा कैंप से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हुई है, इसके बावजूद नक्सली बेखौफ होकर डेढ़ घंटे तक गांव में हंगामा करते रहे। इसने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पूरे बहदा गांव और आसपास के क्षेत्रों में अब सन्नाटा पसरा हुआ है।

ग्रामीण अब भी डर के माहौल में जी रहे हैं। उन्हें आशंका है कि नक्सली फिर से हमला कर सकते हैं। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ाने और इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इलाके में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयासरत हैं।

निष्कर्ष

यह घटना झारखंड में नक्सलियों की गतिविधियों की गंभीरता को उजागर करती है। ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, नक्सली गतिविधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए स्थानीय पुलिस को भी सजग रहना होगा।

ग्रामीणों की सुरक्षा और उनके जीवन में शांति स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी संबंधित एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करें।

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