बीजापुर में नक्सलियों के IED विस्फोट से आदिवासी बालक घायल
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के केपीड़िया गांव में एक दुखद घटना में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आने से एक आदिवासी बालक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना 9 अक्टूबर को दोपहर के समय हुई, जब बालक जंगल के रास्ते से गुजर रहा था। घटना गंगालूर थाना क्षेत्र में घटित हुई है, जो नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
घटना के अनुसार, बालक जब जंगल के पास से गुजर रहा था, तभी उसका पैर जमीन में छिपाए गए प्रेशर IED पर पड़ गया। धमाके से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल गतिविधियों से प्रभावित है, जिससे यहाँ के निवासियों की सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है।
घायल बालक को प्राथमिक उपचार और अस्पताल में भर्ती
घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ की 199 और 85वीं बटालियन के जवान मौके पर पहुंचे। जवानों ने घायल बालक को तुरंत अपने कैंप लाकर प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद उसे बेहतर चिकित्सा के लिए बीजापुर के जिला अस्पताल भेजा गया, जहाँ उसका उपचार जारी है। चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को स्थिर बताया है।
केपीड़िया गांव में नक्सलियों ने लगाया था IED
नक्सल गतिविधियों का प्रभाव और स्थानीय समुदाय की चिंता
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल गतिविधियों से प्रभावित रहा है। यहाँ बारूदी सुरंगों और IED विस्फोटों के कारण आम नागरिकों की जान हमेशा खतरे में रहती है। पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई हादसे हुए हैं, जिनमें ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। यह स्थिति स्थानीय आदिवासी समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है।
इस घटना ने स्थानीय आदिवासी समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों ने प्रशासन से माँग की है कि माओवादी हिंसा पर रोक लगाने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। आदिवासी समुदाय के नेता इस घटना को लेकर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई और क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन
घटना के बाद, सुरक्षा बलों ने आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। उनका मुख्य उद्देश्य इलाके को सुरक्षित करना और नक्सलियों की मौजूदगी का पता लगाना है। सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें यह बताया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दी जाए।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर माओवादी गतिविधियों के प्रति चिंता को बढ़ा दिया है। स्थानीय निवासी और सुरक्षा बल दोनों ही इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन को आवश्यक कदम उठाकर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी, ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बीजापुर क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएँ न केवल स्थानीय लोगों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि यह पूरे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। इस मामले में प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा बलों की सक्रियता आवश्यक है, ताकि माओवादी गतिविधियों का प्रभाव समाप्त किया जा सके और स्थानीय समुदाय को सुरक्षा का भरोसा दिया जा सके।