High Court: छत्तीसगढ़ में मुक्तिधामों की बदहाली पर सख्त, सभी कलेक्टरों से फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट मांगी



छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुक्तिधामों की अव्यवस्था पर शुरू की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलों के मुक्तिधामों की बदहाली पर गंभीरता दिखाई है। कोर्ट ने सभी जिलों के…

High Court: छत्तीसगढ़ में मुक्तिधामों की बदहाली पर सख्त, सभी कलेक्टरों से फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट मांगी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुक्तिधामों की अव्यवस्था पर शुरू की सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलों के मुक्तिधामों की बदहाली पर गंभीरता दिखाई है। कोर्ट ने सभी जिलों के कलेक्टरों को फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, राज्य के चीफ सेक्रेटरी को इस आदेश की अनुपालना पर निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कहा कि गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी मुक्तिधामों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह आदेश तब आया जब चीफ जस्टिस सिन्हा ने हाल ही में बिल्हा के मुक्तिधाम का दौरा किया और वहां की अव्यवस्था और गंदगी देखी।

आखिर क्यों उठी यह जनहित याचिका?

29 सितंबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा बिल्हा के मुक्तिधाम में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। वहां उन्होंने अव्यवस्था का सामना किया, जिससे उनकी हैरानी बढ़ गई। मुक्तिधाम में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं जैसे सफाई, बैठने की व्यवस्था और पेयजल की अनुपलब्धता ने उन्हें इस स्थिति का संज्ञान लेने के लिए मजबूर किया।

हाईकोर्ट ने इस अव्यवस्था को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए राज्य सरकार, जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद, कलेक्टर ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले में शपथपत्र प्रस्तुत कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की स्थिति

सोमवार, 13 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के दौरान, महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को सूचित किया कि मुख्य सचिव और कलेक्टरों ने हलफनामा प्रस्तुत किया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी प्रशासन विभाग ने इस संबंध में 6 और 8 अक्टूबर को राज्यव्यापी निर्देश जारी किए थे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि केवल निर्देश जारी करने से कोई फायदा नहीं होगा। सभी कलेक्टरों को अगली सुनवाई से पहले मुक्तिधामों की फोटोग्राफ्स के साथ कंप्लायंस रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

बिलासपुर के कलेक्टर ने दी सफाई और सुधार के संकेत

बिलासपुर के कलेक्टर ने रहंगी मुक्तिधाम की स्थिति पर शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें बताया गया है कि वहां तुरंत सुधार कार्य किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने हॉल को प्रतीक्षालय में बदला गया है, और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, अंतिम संस्कार प्लेटफॉर्म की मरम्मत भी कराई गई है।

मुख्य सड़क से मुक्तिधाम तक सीसी रोड बनाने के लिए 10 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति भी दी गई है। यह कदम तब उठाया गया जब हाईकोर्ट ने अव्यवस्था पर सख्त रुख अपनाया।

सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद, राज्य सरकार ने भी नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 6 अक्टूबर और नगरीय प्रशासन विभाग ने 8 अक्टूबर को सभी मुक्तिधामों के रखरखाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में साफ-सफाई, बाउंड्री का निर्माण, शेड की मरम्मत, बिजली, पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं।

हालांकि, हाईकोर्ट ने पाया कि अभी भी इन दिशा-निर्देशों का पालन समुचित तरीके से नहीं किया गया है।

कलेक्टरों से मांगी गई कंप्लायंस रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने सभी कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 6 और 8 अक्टूबर को जारी गाइडलाइन का अक्षरशः पालन हो। प्रत्येक कलेक्टर को अपने जिले के सभी मुक्तिधामों की ताजा तस्वीरों के साथ विस्तृत रिपोर्ट 8 दिसंबर 2025 तक हाईकोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी।

यह आदेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि सरकार और प्रशासन को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा और लोगों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी होगी।

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि शव का सम्मानजनक विदाई मौलिक अधिकार है। इस संदर्भ में, चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि हर व्यक्ति को अंतिम संस्कार के लिए उचित सुविधाएं प्राप्त हों।

आगे के विकासों के लिए सभी की नजरें 8 दिसंबर 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी रहेंगी।

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