सूरजपुर से सरगुजा में घुसे 25 हाथियों का दल, ग्रामीणों में हड़कंप
सूरजपुर जिले से आए 25 हाथियों के दल ने सरगुजा वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। यह दल अंबिकापुर मुख्यालय के निकट महामाया पहाड़ तक पहुंच गया है, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। हाथियों के डर से बधियाचुआं के ग्रामीणों ने ओपीएस स्कूल के पास सड़क में शरण ली है। इस स्थिति ने ग्रामीणों की दैनिक गतिविधियों को भी प्रभावित किया है।
हाथियों की गतिविधियाँ और वनविभाग की कोशिशें
हाथियों का यह दल सूरजपुर जिले के करदोनी और रामनगर क्षेत्र में घूमता हुआ सोमवार शाम को बधियाचुआं में पहुंच गया। इस दल में एक बच्चा हाथी भी शामिल है, जो इसकी स्थिति को और भी संवेदनशील बनाता है। वनविभाग ने हाथियों को शहर से दूर रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन हाथियों का बढ़ता प्रवास चिंता का विषय बन गया है।
हाथियों के डर से घर छोड़कर भागे ग्रामीण
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
हाथियों के दल के आगमन से बधियाचुआं के ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने अपने घर छोड़कर ओपीएस स्कूल के पास सड़क पर शरण ली है। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हाथियों के आगमन की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने तुरंत अपने घरों से भागना शुरू कर दिया और खाने-पीने की तैयारी भी नहीं कर पाए।
सड़क में अलग-अलग जगह खड़े हैं ग्रामीण
वनविभाग और पुलिस की कार्रवाई
हाथियों के दल की सूचना मिलते ही वनविभाग के अधिकारी और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई है। वनविभाग की कोशिश है कि हाथियों को शहर से दूर खदेड़ा जाए। इसके लिए सर्च लाइट और सायरन का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि हाथियों को नियंत्रित किया जा सके। पहले भी ऐसे घटनाएं हो चुकी हैं जब हाथियों ने अंबिकापुर शहर में प्रवेश किया था, जिससे वनविभाग की चिंताएँ और भी बढ़ गई हैं।
फसलों को नुकसान और मुआवजे की व्यवस्था
हाथियों के इस दल ने क्षेत्र के फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। वनविभाग द्वारा ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है कि वे हाथियों से दूर रहें। इसके साथ ही, वनविभाग ने आश्वासन दिया है कि हाथियों के कारण हुए नुकसान का मुआवजा ग्रामीणों को प्रदान किया जाएगा। इसके तहत फसलों के नुकसान की भरपाई की जाएगी, ताकि प्रभावित किसान राहत महसूस कर सकें।
हाथियों को चेंद्रा की ओर खदेड़ने की कोशिश
हाथियों के दल को चेंद्रा की ओर खदेड़ने के प्रयास जारी हैं। यह क्षेत्र हाथियों का पुराना रूट भी माना जाता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हाथियों का दल चेंद्रा की ओर निकल जाएगा। वनविभाग की टीम लगातार इस दिशा में काम कर रही है ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और हाथियों को उनके पारंपरिक मार्गों पर वापस लौटने में मदद मिल सके।
इस पूरे घटनाक्रम ने क्षेत्र के निवासियों के बीच चिंता और भय का माहौल बना दिया है, और सभी की निगाहें वनविभाग की कार्रवाइयों पर टिकी हुई हैं।