पूर्णिया में मां दुर्गा की विदाई: श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत नजारा
पूर्णिया में इस वर्ष दुर्गा पूजा का त्योहार भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया गया। 10 दिनों की पूजा-अर्चना के बाद, देवी दुर्गा की विदाई के समय शहर के हर कोने में एक अलग ही माहौल था। भट्टा दुर्गाबाड़ी, मधुबनी, कप्तानपाड़ा, गुलाबबाग, खुश्कीबाग, और बाड़ीहाट सहित सभी पूजा पंडालों से गाजे-बाजे के साथ देवी की विसर्जन यात्रा निकाली गई। इस अवसर पर भक्तों की आंखों में आंसू थे, जो मां दुर्गा के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को दर्शाते थे।
विसर्जन के दौरान, शहर के प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विभिन्न स्थानों पर थानाध्यक्ष और मजिस्ट्रेट भारी पुलिस बल के साथ मौजूद थे। कड़ी सुरक्षा के बीच, मां दुर्गा की प्रतिमा ने शांतिपूर्ण माहौल में अपनी यात्रा जारी रखी। भक्तों ने अपनी श्रद्धा के साथ मां को अंतिम विदाई दी, जिससे यह अवसर और भी भावुक हो गया।
सुरक्षा इंतजाम और भक्तों की भीड़
विसर्जन यात्रा के दौरान, शहर के विभिन्न मार्गों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल के साथ-साथ सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी तैनात थे ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। यह सुनिश्चित किया गया कि मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन शांतिपूर्ण तरीके से हो सके।
इस दौरान, शहर के विभिन्न इलाकों से बड़ी तादाद में लोग मां की विदाई देखने पहुंचे। श्रद्धालु हाथों में पुष्प लिए मां दुर्गा पर पुष्प वर्षा करते नजर आए। भक्ति गीतों पर झूमते हुए भक्तों ने मां की आरती की और चुनरी चढ़ाई। इस यात्रा में हजारों लोग शामिल थे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
भावुक विदाई और भक्ति का माहौल
विसर्जन यात्रा में शामिल श्रद्धालु पूरे रास्ते जय माता दी के नारे लगाते रहे। उनकी भक्ति और श्रद्धा ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सड़क के दोनों ओर लोगों की भीड़ जमा थी, जो मां दुर्गा के दर्शन के लिए व्याकुल थी। यात्रा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए पूर्णिया सिटी घाट पहुंची, जहां मां दुर्गा को विदाई दी गई। इस मौके पर लोगों ने सुख समृद्धि की कामना की और भावुक होकर मां को अंतिम विदाई दी।
विसर्जन के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा के इंतजाम को और भी मजबूत किया गया था। पूर्णिया सिटी स्थित सौरा नदी घाट और पक्की तालाब पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीआरएफ की टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद रही, जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके।
उदित होती आस्था और श्रद्धा
पूर्णिया में मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा एक अद्भुत दृश्य था। इसमें शामिल हर व्यक्ति के चेहरे पर आस्था और श्रद्धा की चमक थी। भट्टा टीओपी ठाकुरवाड़ी में हवन के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा की विसर्जन यात्रा निकाली गई, जिसने इस अवसर को और भी खास बना दिया।
इस प्रकार, पूर्णिया में मां दुर्गा की विदाई का यह समारोह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विरासत और एकता को भी दर्शाता है। भक्तों ने इस अवसर को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया, जो यह सिद्ध करता है कि धर्म और आस्था के मामले में लोग कितने गहरे जुड़े हुए हैं।
पूर्णिया में मां दुर्गा की विदाई का यह समारोह आने वाले वर्षों में भी इसी प्रकार भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा, जिससे यह त्योहार हर बार की तरह खास और यादगार बन सके।