गांधी जयंती पर जमुई में श्रद्धांजलि का आयोजन
जमुई में गुरुवार को गांधी जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी नवीन ने गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनके आदर्शों को अपनाने की अपील की। समारोह में जिले के विभिन्न अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जिलाधिकारी का प्रेरणादायक संदेश
इस अवसर पर जिलाधिकारी नवीन ने कहा कि महात्मा गांधी ने **भारत** को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देशवासियों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। डीएम ने सभी से आग्रह किया कि वे अपने आचरण में अहिंसा और मानवता के प्रति करुणा का भाव बनाए रखें और गांधीजी के पदचिह्नों पर चलें। उनका यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि तब था।
उप विकास आयुक्त का योगदान
उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुभाष चंद्र मंडल ने महात्मा गांधी को महामानव के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराया। डीडीसी ने बापू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उनका यह वक्तव्य इस बात को रेखांकित करता है कि गांधीजी का संदेश आज भी हमारे लिए अनुकरणीय है।
अन्य अधिकारियों की श्रद्धांजलि
इस अवसर पर अपर समाहर्ता (एडीएम) रविकांत सिन्हा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राम दुलार राम, डीटीओ मो. इरफान, डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार, एसडीएम सौरभ कुमार, नजारत उप समाहर्ता भानु प्रकाश, डीसीएलआर तारिक रजा और डीईओ दया शंकर सहित कई अन्य अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। सभी ने गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गांधीजी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
महात्मा गांधी की शिक्षाएं और उनके सिद्धांत आज भी समाज में गहरी छाप छोड़ते हैं। उनके **सत्य और अहिंसा** के सिद्धांत ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया बल्कि विश्वभर के आंदोलनों को भी प्रभावित किया। आज के युवा पीढ़ी के लिए गांधीजी का जीवन एक प्रेरणा स्रोत है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में सत्य, करुणा और अहिंसा को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
समारोह का महत्व
गांधी जयंती का यह समारोह केवल एक रस्म अदायगी नहीं है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाता है कि हम गांधीजी के सिद्धांतों को अपने जीवन में कैसे उतार सकते हैं। इस तरह के आयोजनों से न केवल हम अपने राष्ट्रपिता को याद करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनकी शिक्षाएं नई पीढ़ी तक पहुँचें। ऐसे कार्यक्रम समाज में एकता और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देते हैं।
निष्कर्ष
जमुई में आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया कि महात्मा गांधी के विचार और आदर्श आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हम सभी को चाहिए कि हम उनके बताए मार्ग पर चलें और अपने जीवन में सत्य, अहिंसा और मानवता के मूल्यों को अपनाएं। इस प्रकार के आयोजनों से हम न केवल गांधीजी को याद करते हैं, बल्कि अपने समाज को भी एक नई दिशा देने की कोशिश करते हैं।