गयाजी में भ्रष्टाचार मामले में राजस्व कर्मचारी सस्पेंड
गयाजी में एक राजस्व कर्मचारी, जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेट शशांक शुभंकर द्वारा की गई है। इस राजस्व कर्मचारी ने दलाल के माध्यम से 4 लाख रुपए की डिमांड की थी। यह मामला तब सामने आया जब एक ऑडियो संदेश व्हाट्सएप पर वायरल हुआ, जिसमें डोभी अंचल कार्यालय के कर्मचारी की बातचीत रिकॉर्ड की गई थी।
इस ऑडियो में राजस्व कर्मचारी सन्नी कुमार पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने कार्यों के लिए रिश्वत मांगी है। जब डीएम ने ऑडियो को सुना, तो उन्होंने पाया कि मामला प्रथम दृष्टया सही है। इसके बाद सन्नी कुमार को निलंबित कर दिया गया और उनकी मुख्यालय के रूप में गया अंचल कार्यालय निर्धारित किया गया।
जीरो टॉलरेंस की नीति पर जिला प्रशासन का जोर
डीएम शशांक शुभंकर ने इस मामले में स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं से भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिलेगी, तो इसकी जांच की जाएगी और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्तर पर रिश्वतखोरी या आम जनता को परेशान करने की सूचना मिलने पर संबंधित व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
जिला प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से यह संदेश गया है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की इस नीति से आम जनता में विश्वास बढ़ा है और वे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में अधिक जागरूक हो रहे हैं।
प्रशांत कुमार की शिकायत ने शुरू की जांच
इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाते हुए, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के सदस्य प्रशांत कुमार ने भी हाल ही में आवाज उठाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि डोभी अंचल में कॉरिडोर के निर्माण के लिए अधिविहित भूमि का रैयतों को एलपीसी और अन्य प्रतिवेदन वितरण में राजस्व कर्मचारी सन्नी कुमार और अंचल अधिकारी के बीच भ्रष्टाचार हो रहा है। प्रशांत ने प्रशासन से जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की थी।
इस शिकायत के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। प्रशांत कुमार की पहल ने प्रशासन को सक्रिय किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। यह घटना न केवल गयाजी के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है, जहां जनता की आवाज को सुना गया और कार्रवाई की गई।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की जागरूकता
गयाजी में हुई इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में पीछे नहीं हट रही है। प्रशांत कुमार जैसे सक्रिय सदस्यों की पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य लोग भी अपनी समस्याओं को प्रशासन के सामने लाने में संकोच नहीं करेंगे।
इस प्रकार की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि जब प्रशासन और जनता एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो भ्रष्टाचार को खत्म करना संभव है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा और क्या इससे अन्य भ्रष्ट कर्मचारियों में भी सुधार आएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश भी गया है कि प्रशासन अब और सख्त होगा और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे न केवल प्रशासन का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि आम जनता का भी।