Sindoor: विजयदशमी पर ठाकुरवाड़ी मंदिर में महिलाओं ने खेला सिंदूर, पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की की कामना; मां दुर्गा की पूजा-अर्चना



अररिया में विजयदशमी का भव्य उत्सव, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ अररिया शहर के प्रसिद्ध ठाकुरवाड़ी मंदिर में विजयदशमी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस…

Sindoor: विजयदशमी पर ठाकुरवाड़ी मंदिर में महिलाओं ने खेला सिंदूर, पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की की कामना; मां दुर्गा की पूजा-अर्चना

अररिया में विजयदशमी का भव्य उत्सव, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

अररिया शहर के प्रसिद्ध ठाकुरवाड़ी मंदिर में विजयदशमी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस दिन का महत्व लोगों के लिए अत्यधिक है, विशेष रूप से महिलाओं के बीच इस पर्व को लेकर एक अलग उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर परिसर भक्तों से भरा रहा, जहाँ सभी ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की।

सिंदूर खेला की परंपरा और महिलाओं का उत्साह

मंदिर में पहुंची महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों में सजी-धजी नजर आईं। उन्होंने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं। ‘सिंदूर खेला’ की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसका विशेष धार्मिक महत्व है। महिलाएं मानती हैं कि इस रस्म से परिवार की सुख-समृद्धि, पति की लंबी आयु और सुहागिन रहने का आशीर्वाद मिलता है।

एक श्रद्धालु महिला ने बताया, “हम हर साल विजयदशमी पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं और सिंदूर खेलकर अपने परिवार की खुशहाली और पति के स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।”

मंदिर का भक्तिमय माहौल और श्रद्धालुओं की संख्या

ठाकुरवाड़ी मंदिर को इस विशेष अवसर पर फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। पुजारियों ने विधि-विधान के साथ आरती की, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल हुए। मंदिर समिति के एक सदस्य ने बताया कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही। भक्तों ने मां दुर्गा के दर्शन के लिए घंटों कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया।

सिंदूर खेला के बाद महिलाओं ने मां दुर्गा की विदाई की रस्म भी पूरी की और भावुकता के साथ माता को विदा किया। इस दिन का उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक साबित हुआ।

विजयदशमी का महत्व और इसकी परंपराएं

विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन मां दुर्गा के विजय के उपलक्ष्य में विभिन्न धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया जाता है। लोग इस दिन अपने घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है।

समाज में एकता और सांस्कृतिक समर्पण

अररिया में विजयदशमी का यह उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। सभी वर्गों के लोग एकत्रित होकर इस पर्व का आनंद लेते हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़, महिलाओं का उत्साह और बच्चों की खुशी इस बात का प्रमाण है कि यह पर्व सभी के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

उत्सव की तस्वीरें और श्रद्धालुओं की भावनाएं

इस भव्य उत्सव की तस्वीरें और श्रद्धालुओं की भावनाएं इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा देती हैं। मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और समर्पण का यह दृश्य हर किसी को भावुक कर देता है। इस बार का विजयदशमी उत्सव अररिया में एक नई ऊर्जा और उमंग के साथ मनाया गया, जो आने वाले वर्षों में भी याद रखा जाएगा।

इस प्रकार, अररिया के ठाकुरवाड़ी मंदिर में विजयदशमी का यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक सामाजिक समर्पण का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। श्रद्धालुओं का यह एकत्रित होना, उनकी आस्था और विश्वास को दर्शाता है, जो इस पर्व को और भी खास बनाता है।

लेखक –

copyrights @ 2025 khabar24live

Exit mobile version