Mahavir झंडा: पुरनहिया प्रखंड में मंडप सजाने में जुटे कलाकार, बसंत बाजार समेत दर्जनों गांवों में शुरू हुई तैयारियाँ



महावीर झंडा मण्डप की तैयारी में जुटे कारीगर शिवहर में महावीर झंडा मण्डप की धूमधाम शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड में विजयदशमी के अवसर पर महावीर झंडा के लिए मंडपों…

Mahavir झंडा: पुरनहिया प्रखंड में मंडप सजाने में जुटे कलाकार, बसंत बाजार समेत दर्जनों गांवों में शुरू हुई तैयारियाँ

महावीर झंडा मण्डप की तैयारी में जुटे कारीगर

शिवहर में महावीर झंडा मण्डप की धूमधाम

शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड में विजयदशमी के अवसर पर महावीर झंडा के लिए मंडपों की तैयारी बड़े धूमधाम से की जा रही है। बसंत बाजार, बराही मोहन, सोनौल, सुल्तान बसंतपटी सहित कई गांवों में कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ये सभी कारीगर अपने-अपने गांवों के मंडपों को सजाने के लिए विशेष सजावट में जुटे हुए हैं ताकि उनकी तैयारियां अन्य गांवों से बेहतर दिखें।

चमकीले कागजों और अलंकारों से सजावट

कारीगर मंडपों को सजाने के लिए चमकीले कागजों, हीरे-मोती और हनुमान सहित अन्य देवताओं की प्रतिमाओं के चित्रों का उपयोग कर रहे हैं। वे इस काम में पूरी मेहनत और लगन से जुटे हैं। मंडपों की सजावट में हर एक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है, जिससे उनकी मेहनत और लगन झलकती है।

महावीर झंडों की तैयारी और ऊंचाई

गांवों से निकलने वाले महावीर झंडे बांस के खंभों पर बांधकर तैयार किए जा रहे हैं। इन झंडों की लंबाई और चौड़ाई के साथ-साथ ऊंचाई भी 170 से 200 फीट तक पहुंच रही है। कारीगर इन झंडों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं ताकि विजयदशमी के दिन ये झंडे अपने-अपने रैन स्थलों पर स्थापित किए जा सकें।

विजयदशमी पर उमड़ने वाली भीड़

विजयदशमी के दिन हजारों की संख्या में लोग इन रैन स्थलों पर महावीर झंडा देखने के लिए उमड़ेंगे। इस मौके पर लोग विभिन्न गांवों के झंडों की कलाकारी का मूल्यांकन करेंगे। सर्वश्रेष्ठ मंडप को प्रशंसा मिलने की पूरी संभावना है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है।

कारीगरों की मेहनत और समर्पण

इस आयोजन में शामिल कारीगरों की मेहनत और समर्पण अद्वितीय है। वे दिन-रात काम कर रहे हैं और अपने काम में पूरा ध्यान दे रहे हैं। इनकी मेहनत से न केवल मंडपों की सुंदरता बढ़ रही है, बल्कि यह पूरी समुदाय की एकता और सहयोग का प्रतीक भी है।

समुदाय की एकता का प्रतीक

महावीर झंडा मण्डप की तैयारियां न केवल धार्मिक उत्सव का हिस्सा हैं, बल्कि यह क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक हैं। इस आयोजन से स्थानीय समुदाय एकजुट होता है और सभी मिलकर इस पर्व को मनाते हैं।

आगामी उत्सव के लिए तैयारियां

जैसे-जैसे विजयदशमी का दिन नजदीक आ रहा है, कारीगरों की मेहनत और भी बढ़ती जा रही है। हर कोई चाहता है कि उनका मंडप और झंडा सबसे आकर्षक हो। इस उत्सव के लिए लोग न केवल मंडप सजाने में व्यस्त हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी तैयारी कर रहे हैं।

  • महावीर झंडा की ऊंचाई 170 से 200 फीट तक होगी।
  • कारीगर दिन-रात मंडप सजाने में लगे हैं।
  • विजयदशमी के दिन हजारों लोग उमड़ेंगे।
  • सर्वश्रेष्ठ मंडप की प्रशंसा की जाएगी।

इस प्रकार, शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड में महावीर झंडा मण्डप की तैयारी एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक आयोजन के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। यह न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।

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