समस्तीपुर में जमीन के पैसे वापस मांगने पर व्यक्ति की पिटाई
बिहार के समस्तीपुर जिले के चकमेहसी थाना क्षेत्र स्थित नामापुर गांव में एक व्यक्ति को जमीन के पैसे वापस मांगने पर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है। इस घटना में घायल व्यक्ति की पहचान चकमेहसी निवासी संजय नायक के रूप में हुई है। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए सीएससी कल्याणपुर भेजा गया है।
जमीन का बैनामा कराने में टालमटोल
सूत्रों के अनुसार, संजय नायक ने दो साल पहले नामापुर निवासी मनोज ठाकुर से 4 कट्ठा 10 धुर जमीन बेचने के नाम पर 5 लाख रुपये लिए थे। लेकिन पिछले दो वर्षों से मनोज ठाकुर जमीन का बैनामा कराने में टालमटोल कर रहा था। इस कारण संजय नायक ने बार-बार अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी।
हमले का विवरण
बुधवार को संजय नायक ने मनोज ठाकुर से फिर से संपर्क किया और जब उन्होंने जमीन का बैनामा नहीं होने पर अपने पैसे वापस मांगे, तो मनोज ठाकुर, उसके पुत्र और अन्य परिजनों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में संजय नायक का सिर फट गया, जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
घायल संजय नायक ने चकमेहसी थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी मनोज ठाकुर पूर्व में एक राजनीतिक पार्टी का प्रखंड अध्यक्ष भी रह चुका है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी मनीष कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि संजय नायक का आवेदन मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।
समाज में बढ़ती हिंसा की घटनाएं
इस घटना ने समाज में बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जमीन विवाद जैसे मामलों में अक्सर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जहां कानूनी रास्ता अपनाने के बजाय लोग हिंसा का सहारा लेते हैं। यह घटना इस बात का संकेत है कि समाज में कानून व्यवस्था को कायम रखने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन को अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो समाज में अराजकता बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
संजय नायक की इस घटना ने एक बार फिर से स्थानीय प्रशासन की भूमिका को उजागर किया है। लोगों को अपनी समस्या के समाधान के लिए कानून का सहारा लेना चाहिए, लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे बन जाते हैं कि उन्हें हिंसा का सहारा लेना पड़ता है। इस मामले में न्याय की उम्मीद है और सभी की निगाहें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।