मध्य प्रदेश में नर्सिंग कोर्स के लिए एडमिशन प्रक्रिया में भ्रम
मध्य प्रदेश में नर्सिंग कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया तो शुरू हो गई है, लेकिन इस बीच नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा कॉलेजों को संबद्धता नहीं दी गई है, जिससे छात्र असमंजस में पड़ गए हैं। छात्रों का कहना है कि बिना स्पष्ट दिशानिर्देश के एडमिशन प्रक्रिया शुरू करना अत्यंत गलत है। बीएससी नर्सिंग और अन्य नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए छात्र अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या उनका भविष्य सुरक्षित है या नहीं।
ग्वालियर-चंबल संभाग सहित पूरे प्रदेश के **485 कॉलेजों** का निरीक्षण जून में किया गया था, जिनमें से **336 कॉलेज** इन तीन पाठ्यक्रमों से संबंधित हैं। हाल ही में काउंसिल ने कॉलेजों को मान्यता तो दे दी, लेकिन संबद्धता अब भी लंबित है। इस स्थिति ने छात्रों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। वे यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार उन्हें किस आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है।
कुलगुरु का बयान: संबद्धता के आदेश की कमी
- जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजकुमार आचार्य ने बताया कि उन्हें **2025-26 सत्र** के लिए किसी कॉलेज को संबद्धता देने का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
- एडमिशन शेड्यूल के अनुसार, रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख **30 सितंबर** थी। गुरुवार को मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इसके बाद **7 अक्टूबर** तक च्वॉइस फीलिंग, **13 अक्टूबर** को कॉलेज आवंटन और **14 से 18 अक्टूबर** तक प्रवेश की प्रक्रिया चलेगी।
संबद्धता का मुद्दा: मेडिकल विवि की भूमिका
नर्सिंग कॉलेजों की **2025-26** की संबद्धता रीजनल यूनिवर्सिटी को दी जाएगी, जबकि मेडिकल विवि को इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है। इस बात की जानकारी देते हुए डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल, रजिस्ट्रार, मेडिकल विवि, जबलपुर ने कहा कि यह प्रक्रिया अभी भी स्पष्ट नहीं है।
उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों को **2025-26** की संबद्धता रीजनल यूनिवर्सिटी को देनी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में **3 जून 2024** को एक पत्र जारी किया गया था और **23 मई 2025** को एक बैठक भी आयोजित की गई थी।
तीन साल पहले की गलती की पुनरावृत्ति
यहां पर यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि तीन साल पहले बिना संबद्धता के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन दिए गए थे, जिसके कारण मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। न्यायालय ने परीक्षाओं पर रोक लगा दी थी और मेडिकल विवि के अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उस समय सीबीआई जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसके बाद कई कॉलेज बंद कर दिए गए थे। अब एक बार फिर वही गलती दोहराई जा रही है, जिससे छात्रों के भविष्य को लेकर नए सवाल उठने लगे हैं।
संबद्धता को लेकर असमंजस के कारण
- सत्र **2024-25** तक नर्सिंग कॉलेजों को संबद्धता देने का अधिकार शासन के पास था। इसके बाद शासन ने इन कॉलेजों को रीजनल यूनिवर्सिटी से संबद्ध करने के आदेश जारी किए।
- हालांकि, रीजनल यूनिवर्सिटी को अब तक इस संबद्धता में कोई आदेश नहीं मिले हैं, जिससे यह मामला अधर में लटक गया है।
ग्वालियर में हुई मान्यता प्रक्रिया में **32 नर्सिंग कॉलेजों** का निरीक्षण किया गया था, लेकिन इनमें से केवल **21 कॉलेजों** को ही मान्यता दी गई। यह भी देखने में आया कि **11 कॉलेज** फर्जीवाड़े में पकड़े गए, जिसके कारण उन्हें मान्यता नहीं मिल सकी। हालांकि, इनमें से तीन कॉलेजों को सीबीआई जांच में सही पाए जाने के बाद मान्यता दी गई।
संबद्धता जारी करने की प्रक्रिया
**2025-26** के लिए **33 नए** और **360 पुराने नर्सिंग कॉलेजों** ने नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया है। इनमें से **235 जीएनएम** और **188 बीएससी** निजी कॉलेजों को मान्यता मिली है। यह स्पष्ट किया गया है कि संबद्धता का अधिकार रीजनल यूनिवर्सिटी को है, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
इस स्थिति ने छात्रों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है, और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि क्या उन्हें इस अधर में लटकी प्रक्रिया के बीच एडमिशन लेना चाहिए। छात्रों का भविष्य इस समय कई सवालों के घेरे में है, और सभी की नजर इस मुद्दे पर शासन और संबंधित संस्थानों की ओर है।