“Preparation: हरिद्वार अर्धकुंभ के लिए सरकार ने तेज की तैयारियां, बनेगा नया घाट”



हरिद्वार में अर्धकुंभ 2027 के लिए तैयारियों की गति तेज राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड के हरिद्वार में **वर्ष 2027** में होने वाले अर्धकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सरकार…

“Preparation: हरिद्वार अर्धकुंभ के लिए सरकार ने तेज की तैयारियां, बनेगा नया घाट”

हरिद्वार में अर्धकुंभ 2027 के लिए तैयारियों की गति तेज

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड के हरिद्वार में **वर्ष 2027** में होने वाले अर्धकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिया है। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रशासन ने अमरापुर घाट से लेकर ऋषिकुल ब्रिज तक गंगा के बाईं ओर एक नए घाट का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। इस परियोजना पर कुल **12 करोड़ रुपये** खर्च किए जाएंगे, और इसे पूरा करने का लक्ष्य **240 दिन**, यानि लगभग **आठ महीने** में रखा गया है।

नए घाट के निर्माण से अर्धकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को स्नान की सुविधाएं बेहतर होंगी। यह घाट न केवल श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी होगा, बल्कि इसके साथ ही घाट क्षेत्र का **सुंदरीकरण** भी किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र पर्यटन के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सकेगा। इस घाट के विकास की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग, हरिद्वार को सौंपी गई है, जो सुनिश्चित करेगा कि यह परियोजना समय पर और प्रभावी ढंग से पूरी हो सके।

अर्धकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण

हरिद्वार में अर्धकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में अमरापुर घाट से ऋषिकुल तक का क्षेत्र स्नान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यहाँ पर भीड़ के नियंत्रण के लिए नए घाट का निर्माण किया जाएगा। मुख्य घाट के अलावा, तटबंदी, सीढ़ीनुमा संरचना, रेलिंग, जल निकासी और प्रकाश व्यवस्था जैसे कार्य भी इस परियोजना में शामिल होंगे। नए घाट की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, क्योंकि सुरक्षित और पक्का घाट न होने के कारण श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

नए पक्के घाट के निर्माण से न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी यह एक बड़ा लाभ साबित होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि मेले के दौरान सभी की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जाए। अधिकारियों का मानना है कि इस नए घाट का निर्माण अर्धकुंभ के दौरान बेहतर स्नान सुविधाएं प्रदान करेगा और श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी सुखद बनाएगा।

सरकार की योजनाएं और विकास कार्य

निदेशक शहरी विकास, गौरव कुमार ने कहा, “प्रदेश सरकार लगातार अर्धकुंभ के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी दे रही है। ये योजनाएं अब धरातल पर मूर्त रूप ले रही हैं।”

इस परियोजना के तहत कई अन्य विकास कार्य भी योजना में शामिल हैं। यह घाट के अलावा, आसपास के क्षेत्रों में भी आवश्यक सुधार किए जाएंगे, जिससे सभी श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। सरकार के इस कदम से हरिद्वार की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी बढ़ावा मिलेगा।

आगे की योजनाएं

  • गंगा के तट पर अन्य घाटों का भी विकास किया जाएगा।
  • श्रद्धालुओं के लिए बेहतर आवागमन और पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
  • घाटों के आसपास साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
  • स्थानीय व्यवसायियों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

हरिद्वार में अर्धकुंभ के आयोजन की तैयारी में कई अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है, जैसे कि सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन। प्रशासन ने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर एक व्यापक योजना बनाई है, ताकि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुखद अनुभव मिल सके।

इस प्रकार, हरिद्वार में अर्धकुंभ 2027 के लिए की जा रही तैयारियों से यह स्पष्ट है कि सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। नए घाट के निर्माण और अन्य विकास कार्यों से हरिद्वार का धार्मिक महत्व और भी बढ़ेगा, और यह क्षेत्र श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श स्थान बनेगा।

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