गोरखपुर में सगी बहनों के अपहरण की कोशिश, पुलिस ने शुरू की जांच
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 9 साल और 7 साल की दो सगी बहनों के अपहरण की कोशिश की गई। यह घटना रविवार रात की है, जब एक युवक ने दोनों बहनों को रास्ते में रोककर उन्हें रुमाल बांधने की कोशिश की। हालांकि, दोनों बच्चियों की साहसिकता और पास के कुत्ते की भौंकने की आवाज ने उन्हें बचा लिया। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है।
घटना का विवरण और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
घटना रविवार की शाम लगभग 8 बजे की है, जब जगरनाथपुर मोहल्ले में रहने वाले अमित पटवा की बेटियाँ, आशी और अराधना, घर के पास स्थित जनरल स्टोर पर पेंसिल खरीदने गई थीं। दुकान से लौटते समय, एक युवक जो सफेद कुर्ता-पायजामा पहने हुए था, उन दोनों के पीछे लग गया। जैसे ही बच्चियाँ घर के पास पहुँचीं, युवक ने तेजी से उनके पास जाकर रुमाल से उनके मुंह बांधने की कोशिश की।
बच्चियों ने तुरंत जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, जिससे पास में मौजूद कुत्ता भौंकने लगा। बच्चियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग बाहर आ गए, जिससे युवक घबरा गया और पार्क के बगल से भाग निकला। यह घटना महज कुछ सेकंडों में हुई, लेकिन दोनों बच्चियों की साहसिकता ने उनकी जान बचा ली।
पिता की सक्रियता और पुलिस की कार्रवाई
बच्चियाँ घर पहुंचकर डर गईं और अपने पिता को पूरी घटना बताई। अमित पटवा ने तुरंत मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी, जिसमें युवक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। इस फुटेज ने पुलिस को संदिग्ध युवक की पहचान करने में मदद की। रात करीब 10 बजे उन्होंने कोतवाली पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुँचकर घटना की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लेकर संदिग्ध युवक की तलाश शुरू कर दी है। कोतवाली थाने की पुलिस ने आस-पास के लोगों से भी पूछताछ की है और इस मामले में सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया है। यह घटना गोरखपुर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, खासकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर।
स्थानीय लोगों की चिंता और सुरक्षा उपाय
स्थानीय लोगों ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है। कई लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्क रहना होगा। मोहल्ले में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ लोग गश्त लगाने की भी बात कर रहे हैं। इस तरह की घटनाओं से न केवल बच्चों के माता-पिता, बल्कि पूरे समाज में एक भय का माहौल बन गया है।
- सुरक्षा के लिए मोहल्ले में गश्त बढ़ाने की जरूरत है।
- सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
- बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग की जा रही है।
इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है। ऐसे समय में जब समाज में इस तरह की घटनाएँ बढ़ रही हैं, हमें एकजुट होकर इसका सामना करना होगा। स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि वे इस मामले में त्वरित कार्यवाही करें और बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।
गोरखपुर की इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सुरक्षा केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिसे हमें सभी को मिलकर निभाना होगा।