देवरिया में चाकू से घायल महिला की मौत, ग्रामीणों का प्रदर्शन
देवरिया: देवरिया के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में एक महिला की चाकू लगने से गंभीर रूप से घायल होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मृतका के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने रुद्रपुर के आदर्श चौराहे पर शव रखकर घंटों तक जाम लगाया और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
घटनास्थल का विवरण और घायल महिला की पहचान
यह घटना रुद्रपुर थाना क्षेत्र के आल्हा लाजपुर मरकरी गांव की है। जानकारी के अनुसार, 2 अक्टूबर को गांव में दो पक्षों के बीच पुराने विवाद को लेकर कहासुनी शुरू हुई थी। जैसे-जैसे विवाद बढ़ा, एक पक्ष ने दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में तेतरी निषाद (55) गंभीर रूप से घायल हो गईं, जबकि उनके पुत्र भी जख्मी हुए।
पुलिस की भूमिका और प्राथमिक उपचार
घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुद्रपुर भेजा। वहां से चिकित्सकों ने तेतरी निषाद की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। हालांकि, उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया है।
परिजनों का आरोप और जाम का कारण
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद उचित कार्रवाई नहीं की और हमलावरों को संरक्षण देने का काम किया। इसी लापरवाही के विरोध में शुक्रवार को परिजन और ग्रामीण रुद्रपुर के मुख्य चौराहे पर पहुंचे और शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। आक्रोशित लोग अभियुक्तों की तुरंत गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे।
प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई
सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर, कोतवाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया और निष्पक्ष जांच की बात कही। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाएगा। लगभग दो घंटे की बातचीत के बाद, प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर परिजनों ने जाम समाप्त किया और शव को वापस ले जाने के लिए सहमति दी।
पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा व्यवस्था
पुलिस का कहना है कि नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, घटना के बाद गांव में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। ग्रामीणों में भय और आशंका का माहौल है, लेकिन पुलिस का प्रयास है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
निष्कर्ष
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पुलिस समय पर कार्रवाई कर रही है या नहीं। जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक मृतका के परिजनों और गांववालों का गुस्सा शांत नहीं होगा। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है, ताकि आगे कोई और जिंदगियां ऐसी न जाएं।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को लेकर नागरिकों में कितना भय है और उन्हें न्याय की कितनी आवश्यकता है। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।