अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक रामलीला का मंचन
रामनगरी अयोध्या इस बार एक विशेष आयोजन के साथ तैयार है, जहां अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक रामलीला का मंचन किया जाएगा। यह कार्यक्रम दीपोत्सव 2025 के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के कलाकार अपनी-अपनी संस्कृति और कला के माध्यम से रामकथा को जीवंत करेंगे। यह भव्य आयोजन 17 से 20 अक्टूबर तक चलेगा।
इस वर्ष के दीपोत्सव में रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कुल 90 विदेशी कलाकार शामिल होंगे। ये कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीला का मंचन करेंगे, जिससे दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त होगा।
अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियाँ
इस भव्य रामलीला में रूस से आए 15 कलाकार ‘स्वयंवर’ प्रसंग का मंचन करेंगे। रूसी रंगमंच की तकनीक और भारतीय कथा का अद्भुत मिलन दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा। वहीं, थाईलैंड के 10 कलाकार राम-लखन और शूर्पणखा संघर्ष, मारीच वध और राम-रावण युद्ध जैसे प्रमुख दृश्यों का प्रस्तुत करेंगे, जिसमें थाई पारंपरिक नृत्य-नाट्य शैली की झलक देखने को मिलेगी।
इसी तरह, इंडोनेशिया के कलाकार ‘लंका दहन’ और ‘अयोध्या वापसी’ के दृश्यों को जीवंत रूप देंगे। नेपाल से आए 33 कलाकार इस बार पहली बार ‘लक्ष्मण पर शक्ति प्रदर्शन’ की प्रस्तुति देंगे, जबकि श्रीलंका की 22 सदस्यीय टीम ‘रावणेश्वर’ प्रसंग को मंचित करेगी, जिसमें रावण को देवत्व के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रचार
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि इस रामलीला का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और रामकथा को विश्व मंच पर स्थापित करना है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या को एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगा।
दीपोत्सव की भव्यता
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के 56 घाटों और मंदिरों पर लाखों दीप जलाए जाएंगे। यह रोशनी और पारंपरिक सजावट के साथ मिलकर अयोध्या को एक अद्भुत आभा प्रदान करेगी। यह अंतरराष्ट्रीय रामलीला दर्शकों के लिए न केवल एक दृश्य-श्रव्य अनुभव होगी, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को भी सशक्त बनाएगी।
इस आयोजन के माध्यम से अयोध्या न केवल धार्मिक महत्व रखेगा, बल्कि यह सांस्कृतिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। यह भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक अनूठा अवसर है, जिसमें विभिन्न देशों के कलाकार एक साथ आकर रामकथा का मंचन करेंगे।
अयोध्या के लिए नई दिशा
इस बार का दीपोत्सव अयोध्या के लिए एक नई दिशा की ओर इंगित करता है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर पर्यटन में वृद्धि होगी, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर रामायण की महत्ता को भी उजागर करेगा। इस प्रकार के आयोजनों से अयोध्या की संस्कृति और परंपरा को एक नया सिरे से पहचान मिलेगी।
इस भव्य आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन और आयोजक सभी आवश्यक तैयारियों में जुटे हुए हैं, ताकि दर्शकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया जा सके। यह रामलीला न केवल दर्शकों को मनोरंजन करेगी, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ने का कार्य करेगी।