High Court: प्यारेलाल चौराहे बलिया को खोलने का मामला, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से मांगा जवाब, 8 को होगी सुनवाई



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्यारेलाल चौराहा खोलने की याचिका पर सुनवाई की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया जिले के रसड़ा स्थित प्यारेलाल चौराहा को फिर से खोलने की मांग को लेकर दाखिल…

High Court: प्यारेलाल चौराहे बलिया को खोलने का मामला, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से मांगा जवाब, 8 को होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्यारेलाल चौराहा खोलने की याचिका पर सुनवाई की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया जिले के रसड़ा स्थित प्यारेलाल चौराहा को फिर से खोलने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की है। इस मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से जवाब मांगा गया है और अगली सुनवाई की तिथि आठ दिसंबर निर्धारित की गई है। यह मामला स्थानीय निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि चौराहा बंद होने से यातायात में बाधा और असुविधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि चौराहे के चौड़ीकरण के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो जाती है, तो इसके संभावित लागत की जानकारी भी हलफनामे में प्रस्तुत की जाए। यह कदम स्थानीय लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि यातायात व्यवस्था में सुधार किया जा सके।

प्यारे लाल चौराहा बचाओ संघर्ष समिति का प्रयास

यह जनहित याचिका प्यारे लाल चौराहा बचाओ संघर्ष समिति द्वारा दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने इस मामले की गंभीरता को समझा और इसे प्राथमिकता दी। समिति के सदस्यों ने अदालत के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि चौराहा बंद होने के कारण स्थानीय व्यापार और यात्रा में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से अदालत को सूचित किया गया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी गई है और इस कार्य की प्रगति जारी है। एनएचएआइ ने स्पष्ट किया कि डीपीआर सुलभ होने के बाद ही चौराहे के फिर से खोलने की संभावित लागत का अनुमान लगाया जा सकेगा। इस कार्य में कुछ समय लग सकता है, और अदालत ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया है।

स्थानीय निवासियों की चिंताएँ और प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासियों ने इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही चौराहा फिर से खुल जाएगा। उनका मानना है कि चौराहा खुलने से न केवल यातायात की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यातायात के सुचारू संचालन से दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी, जो कि एक महत्वपूर्ण पहलू है।

इसके अलावा, कई स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि चौराहे के चौड़ीकरण का काम तेजी से पूरा किया जाए ताकि लोगों को और अधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। स्थानीय व्यापारियों ने भी इस मामले में अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं, क्योंकि चौराहे के बंद होने से उनके व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

सड़क चौड़ीकरण का महत्व

सड़क चौड़ीकरण का कार्य न केवल यातायात की सुगमता में सहायता करता है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब सड़कें चौड़ी होती हैं, तो इससे आवागमन में सुधार होता है और दुर्घटनाओं की संभावना भी कम हो जाती है। इसके अलावा, चौड़ी सड़कों से स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं।

  • सड़क चौड़ीकरण: यातायात की सुगमता और सुरक्षा में वृद्धि।
  • स्थानीय व्यापार: व्यापारिक गतिविधियों में बढ़ोतरी।
  • सरकारी पहल: स्थानीय निवासियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक कदम।

इस प्रकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उठाए गए कदम न केवल स्थानीय निवासियों की समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध होंगे। सभी की निगाहें अब आठ दिसंबर की सुनवाई पर हैं, जब इस मामले की अगली स्थिति स्पष्ट होगी।

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