Controversy: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र-प्रोफेसर विवाद, अधीक्षक पर जातीय गाली और मारपीट का आरोप



इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र और अधीक्षक के बीच विवाद, पुलिस जांच शुरू इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में एक गंभीर विवाद सामने आया है। इस विवाद में एक छात्र…

Controversy: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र-प्रोफेसर विवाद, अधीक्षक पर जातीय गाली और मारपीट का आरोप

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र और अधीक्षक के बीच विवाद, पुलिस जांच शुरू

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में एक गंभीर विवाद सामने आया है। इस विवाद में एक छात्र और छात्रावास के अधीक्षक के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। इस मुद्दे को लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय के गेट के सामने रातभर धरना प्रदर्शन किया। यह घटना विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ा विवाद बन गई है और अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

छात्र के खिलाफ गंभीर आरोप

अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार शर्मा ने तहरीर में बताया है कि छात्र वैभव कुमार (जो एम.ए. प्रथम सेमेस्टर, राजनीति विज्ञान का छात्र है) ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। डॉ. शर्मा का आरोप है कि यह घटना गुरुवार को दोपहर लगभग 3 बजे हुई, जब वह अपने विभाग में शोध कार्य कर रहे थे। छात्र ने उनसे छात्रावास में कमरा आवंटित करने का दबाव बनाया। जब डॉ. शर्मा ने कहा कि कमरा खाली नहीं है, तो वैभव ने उन्हें धमकी दी और कहा कि “तुम्हारे जैसे बहुत अधीक्षक आए और गए हैं, कोई भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सका।”

अध्यक्ष का गंभीर आरोप और छात्र की प्रतिक्रिया

डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि छात्र ने उन्हें अवैध हथियारों का जखीरा होने का दावा करते हुए तस्वीरें भी दिखाई और धमकी दी कि वह गोली-बम से उन्हें उड़ा देगा। उन्होंने यह भी बताया कि छात्र ने खुद को अनुसूचित जाति का बताकर “SC/ST एक्ट” में फंसाने की धमकी दी। डॉ. शर्मा ने अपनी जानमाल को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा और कार्रवाई की मांग की है।

वहीं, छात्र वैभव ने भी अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि वह छात्रावास आवंटन के संबंध में बात करने गया था, जहां अधीक्षक ने उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। वैभव का आरोप है कि डॉ. शर्मा ने कहा कि “तुम लोग नीची जाति के हो, अगर छात्रावास में रहोगे तो दूसरे लोग कहां जाएंगे।”

जातीय भेदभाव का आरोप

वैभव ने कहा कि जब उसने इस अपमान का विरोध किया, तो डॉ. शर्मा ने उस पर हमला कर दिया और उसे पीटा। छात्र का कहना है कि अधीक्षक लगातार उसके साथ जातीय भेदभाव करते हैं और उसके भविष्य को बर्बाद करने की धमकी देते हैं। उसने पुलिस से उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।

पुलिस की जांच और प्रशासन की रिपोर्ट

पुलिस दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच कर रही है। इस विवाद के संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है। इस घटना ने विश्वविद्यालय के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है और छात्रों के बीच सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ा दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि छात्रों में भय और असुरक्षा का माहौल समाप्त हो सके।

छात्रों की सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी

इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। छात्रों को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि वे बिना किसी भय के अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।

इस विवाद ने न केवल विश्वविद्यालय की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि शिक्षा संस्थानों में सामाजिक और जातीय भेदभाव का मुद्दा आज भी जिंदा है। ऐसे मामलों में उचित और त्वरित कार्रवाई करने से ही विश्वविद्यालय में एक स्वस्थ और सकारात्मक माहौल बनाया जा सकता है।

इस घटना की पूरी जानकारी और आगे की स्थिति पर नजर रखने के लिए छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन को आपस में संवाद बनाए रखने की आवश्यकता है।

UP News in Hindi

लेखक –