Visit: कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद का भारत दौरा, जानें उनकी पूरी प्रोफाइल



कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद का भारत दौरा कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के…

Visit: कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद का भारत दौरा, जानें उनकी पूरी प्रोफाइल

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद का भारत दौरा

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। यह अनीता की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो तीन दिनों के लिए भारत आई हैं। उनके दौरे का उद्देश्य भारत-कनाडा के रिश्तों को और मजबूत करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनीता के साथ बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को शुभकामनाएं दीं और भविष्य की बैठकों का इंतजार करने की बात कही। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह भी बताया कि अनीता का यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा।

अनीता आनंद का पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि

अनीता का पूरा नाम अनिता इंदिरा आनंद है। उनके माता-पिता दोनों ही भारतीय चिकित्सक थे। उनकी मां सरोज डी. राम पंजाब से थीं, जबकि उनके पिता एस. वी. आनंद तमिलनाडु से थे। अनीता के परिवार में दो बहनें भी हैं। 1960 के दशक में, अनीता के माता-पिता बेहतर जीवन के लिए कनाडा चले गए, जहाँ उन्होंने पहले एक कार किराए पर ली और फिर केंटविल नामक शहर में बस गए, जहाँ अनीता का जन्म 1967 में हुआ।

बचपन से ही अनीता पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद क्वीन्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने पॉलिटिकल स्टडीज में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1989 में, उन्हें इस विषय में गोल्ड मेडल भी मिला।

शिक्षण के क्षेत्र में अनीता का करियर

राजनीति में कदम रखने से पहले, अनीता ने 1994 से 1997 तक अपने कानूनी करियर को आगे बढ़ाया। इसके बाद, उन्होंने टीचिंग में कदम रखा और पहले वेस्टर्न यूनिवर्सिटी और फिर क्वीन्स यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। 2003 में, उन्हें क्वीन्स कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति मिली। इसके साथ ही, उन्होंने येल यूनिवर्सिटी में विजिटिंग लेक्चरर के तौर पर भी काम किया।

अनीता को 17 सितंबर, 2019 को रॉयल सोसाइटी ऑफ कनाडा द्वारा यवान अलायर मेडल से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें दुनियाभर में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए काम करने के तरीके में बदलाव लाने के लिए मिला।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

अनीता ने 2019 में लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा की सदस्यता ग्रहण की और उसी वर्ष पहली बार सांसद चुनी गईं। उनके राजनीतिक करियर की गति तेजी से बढ़ी, और उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान पब्लिक सर्विसेज और प्रोक्योरमेंट मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान, उन्होंने वैक्सीन की खरीद और वितरण जैसी जिम्मेदारियां संभाली।

कनाडा की पहली साउथ एशियाई मूल की महिला रक्षा मंत्री बनने का गौरव भी उन्हें प्राप्त हुआ। उनके कुशल प्रबंधन के कारण, उन्हें 2021 में रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

विदेश मंत्री के रूप में अनीता का कार्यकाल

अनीता को 2025 में विदेश मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पद पर रहते हुए, वह कनाडा के अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में जुटी हैं। उन्हें विविधता, पारदर्शिता और सहयोग की समर्थक माना जाता है।

भारत-कनाडा संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम

अनीता का यह भारत दौरा उनके विदेश मंत्री बनने के बाद का पहला आधिकारिक दौरा है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और कनाडा के बीच के तनाव को समाप्त करना है। दोनों देशों के बीच संबंध 2023 में बिगड़ गए थे जब कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर कनाडा के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने नकार दिया था।

इस मुलाकात में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई है। अनीता आनंद ने कहा कि कनाडा भारत के साथ एक ‘लंबे समय का रिश्ता’ चाहता है, जिसमें व्यापार, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और जलवायु पर खास ध्यान दिया जाएगा।

इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि दोनों देश एक-दूसरे की चिंताओं का सम्मान करेंगे और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें खास ध्यान मिनरल रिसोर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लीन ऊर्जा पर रहेगा।

अनीता आनंद का यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर भी है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।

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